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Sawan 2019: इस बार प्रत्येक सोमवार को विशेष योग, पूजा पाठ का मिलेगा कई गुना फल, जानिए पूजन विधि

sawan 2019 में वर्षों बाद बन रहा चारों "वन"सोमवार का पंचमी एवं त्रियोदशी तिथि के सिद्ध योग में विशेष योग। इन विशेष योग में शिव पूजन से भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी।

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Sawan 2019

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बरेली। भगवान शिव के सबसे प्रिय माह सावन की शुरुआत हो चुकी है। इस बार सावन Sawan 2019 में प्रत्येक सोमवार को विशेष योग बन रहे हैं। इन योग में पूजा पाठ का भक्तों को विशेष फल प्राप्त होगा। बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के अनुसार इस बार सावन में पहले और तीसरे सोमवार को पंचमी तो दूसरे और चौथे सोमवार को त्रियोदशी पड़ रही है। वर्षो बाद बन रहे इन विशेष योग में शिव पूजन से भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी।

Sawan 2019 में सोमवार का महत्त्व

22 जुलाई पहला सोमवार पंचमी तिथि, कार्य सिद्ध करने वाली, मूसल योग,अमृत योग एवं सिद्ध योग।

29 जुलाई दूसरा सोमवार द्वादशी तिथि/त्रियोदशी तिथि,प्रदोष व्रत(कृष्ण पक्ष),आनंद योग,सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिध्द योग।

पांच अगस्त तीसरा सोमवार पंचमी तिथि(नाग पंचमी) कार्य सिद्ध करने वाली,कल्की जयंती,सिद्ध योग,अमृत योग।

12 अगस्त चौथा सोमवार द्वादशी/त्रियोदशी तिथि,प्रदोष व्रत (शुक्ल)

प्रत्येक सोमवार पूजा का समय:- प्रातः 5.40 से 7.20 ,9.20 से 10.45 बजे अमृत एवं शुभ के चैघड़िया मुहूर्त में।
अपराह्न 3.45 से सांय 7.15 तक लाभ,अमृत के चौघड़िया में।

श्रावण मास में शिव पूजा

शिव के इस अत्यधिक प्रिय श्रावण मास में महामृत्युंजय मंत्र,शिव सहस्त्रनाम,रुद्राभिषेक, शिवम हिमन्न स्त्रोत, महामृत्युंजय सहस्त्र नाम आदि मंत्रों का व्यक्ति जितना अधिक जाप कर सके उतना श्रेष्ठ होता है।स्कन्द पुराण के अनुसार प्रत्येक दिन एक अध्याय का पाठ करना चाहिए।यह माह मनोकामनाओं का इच्छित फल प्रदान करने वाला होता है।नियम पूर्वक शिव पर बिल्व पत्र प्रतिदिन निश्चित संख्या में(5,11,21,51,108)तथा अर्क पुष्प चढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।इस माह रुद्राष्टाध्यायी पाठ द्वारा शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए तथा रुद्री पाठ द्वारा सहस्त्रधारा से अभिषेक करना चाहिए।इस माह में मंत्रों षडाक्षर शिव मंत्र"ॐ नमः शिवाय"का पुनःश्चरण भी अति उत्तम है।इस माह में बिल्व वृक्ष तथा कल्प वृक्ष का भी पूजन करना उत्तम रहता है।

सावन में शिव का कैसे करें पूजन

इस व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक ही समय भोजन किया जाता है।इस व्रत एवं पूजन में शिव एवं माता पार्वती का ध्यान कर शिव का पंचाक्षर मंत्र का जाप करते हुए पूजन करना चाहिए।सावन के प्रत्येक सोमवार को श्री गणेश जी, शिव जी,पार्वती जी तथा नंदी की पूजा करने का विधान है।शिव जी की पूजा में जल,दूध,दही,चीनी,घी,शहद,पंचामृ त,कलावा,वस्त्र,यज्ञोपवीत, चंदन,रोली,चावल,फूल,बिल्व पत्र,दूर्वा,आक,धतूरा,कमलकट्टा, पान, सुपारी,लौंग,इलायची, पंच मेवा,धूप,दीप, दक्षिणा सहित पूजा करने का विधान है।साथ ही कपूर से आरती करके भजन, कीर्तन और रात्रि जागरण भी करना चाहिए।पूजन के पश्चात रुद्राभिषेक भी कराना चाहिए।ऐसा करने से भोलेनाथ शिव शीघ्र ही प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।सोमवार का व्रत करने से पुत्र, धन,विद्या आदि मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।


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