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एसबीआई शाखा प्रबंधक ने किया डेढ़ करोड़ का गबन, 17 लोगों के अकाउंट में ऐसे किया हेरफेर, इन 7 लोगों ने दिया साथ

बरेली में भारतीय स्टेट बैंक की फरीदपुर शाखा में 1.45 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। बाद में यह रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर ली। मामला सामने आने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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scam exposed or rs 1.5 crore by sbi branch manager in bareilly

भारतीय स्टेट बैंक में तैनात रहे शाखा प्रबंधक ने कूटरचित दस्तावेज से 17 खाताधारकों के नाम पर ऋण ले लिया। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने पहले शाखा में तैनात रहे प्रबंधक लवनेश कुमार सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन लोगों ने कूटरचित दस्तावेज से 17 खाताधारकों के नाम पर ऋण ले लिया। इसके बाद यह रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर ली, ऐसा आरोप लगाया गया है। मामला पकड़ में आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

आपको बता दें कि प्रबंधक 25 मई 2021 से दो अक्तूबर 2022 तक शाखा में तैनात रहा। इसी अवधि में यह गबन कर दिया गया। जब किसान ने शिकायत की तो प्रबंधन ने अपने स्टार से जांच शुरू की, फिर मामले की पोल खुली। पता चला कि आरोपियों ने कूटरचित वेतन पर्ची और फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 17 खाताधारकों के नाम पर ऋण स्वीकृत कर धनराशि को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया। आरोपी ने इस गड़बड़झाले में अंकित जायसवाल, विवेक भारती, भावना ग्वाल, सावित्री देवी, प्रीति सिंह व एक अन्य का सहयोग लिया। हांलाकि, बैंक के वर्तमान स्टाफ ने किसी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया।

बेरोजगारों को सरकारी कर्मी बताकर दिया ऋण
गबन करने के लिए बैंक कर्मचारियों ने सभी नियमों को किनारे रख दिया। जिन लोगों के नाम पर ऋण निकाला गया, वह लोग इस बात से दो साल तक अनजान रहे। बैंक कर्मचारी दबी जुबान यह भी दावा कर रहे हैं कि जिन लोगों को सरकारी नौकरी में दिखाकर ऋण जारी किया गया, उनमें से कई बेरोजगार हैं। फर्जी सैलरी स्लिप के जरिये इन्हें नौकरी में दिखाकर ऋण जारी करा लिया गया।

जांच में यह सामने आया है कि जिन खाताधारकों के नाम पर ऋण स्वीकृत किया गया, उनके पूरे दस्तावेज बैंक में जमा नहीं हैं। इनमें से कई तो आवश्यक की श्रेणी में आते हैं। बिना इनके ऋण जारी ही नहीं किया जा सकता। चूंकि मुख्य शाखा प्रबंधक की भी इसमें मिलीभगत थी, इस वजह से दो साल तक न तो ये दस्तावेज मांगे गए न ही उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी हुई।

बीते दिनों शिकायत के बाद जब जांच कराई गई तो घोटाले की परतें उधड़नी शुरू हुईं। आरोपियों ने ऋण से संबंधित दस्तावेज भी बैंक से गायब कर दिए। दर्ज कराई रिपोर्ट में बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि ऋण जारी करते समय आरोपियों का उद्देश्य पूरी राशि का गबन करना था।
आरोपी मुख्य शाखा प्रबंधक ने अपने कार्यकाल के दौरान कई और एक्सप्रेस क्रेडिट लोन स्वीकृत किए। इनकी जांच की जा रही है। भविष्य में कई और मामले भी खुल सकते हैं। ऐसा होने पर आरोपियों के खिलाफ बैंक की ओर से मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे।

सीओ फरीदपुर गौरव सिंह ने बताया कि गबन का मामला सामने आया है। रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपी मुख्य शाखा प्रबंधक लवनेश ने पहले भी एक किसान से ऋण के नाम पर धोखाधड़ी की थी। बैंक वालों के बयान दर्ज किए जाएंगें। जल्द आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।