
बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने के बाद डीआईजी जेल आरएन पांडेय को जांच सौंपी गई थी। उन्होंने जांच रिपोर्ट डीजी जेल आनंद कुमार को सौंप दी है। डीजी के निर्देश पर जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह के अलावा हेड जेल वार्डर ब्रजवीर सिंह, जेल वार्डर दानिश मेंहदी व दलपत सिंह को निलंबित किया गया है।
जबकि दूसरे डिप्टी जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता को नोटिस जारी किया गया है। एसआईटी ने जेल वार्डर (सिपाही) समेत दो लोगों को जेल भेजा है। जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला के विरुद्ध भी जांच रिपोर्ट भेजी गई। जिस पर शासन फैसला लेगा। डीआईजी जेल बरेली आरएन पांडेय की रिपोर्ट पर डीजी जेल आनंद कुमार ने यह कार्रवाई की है।
जेल में अतीक के गुर्गों को अशरफ से मिलाते थे पुलिसकर्मी
उमेश पाल हत्याकांड की जांच के बीच एसआईटी ने सोमवार को पीलीभीत जेल के सिपाही मनोज गौड़ को गिरफ्तार किया है। उसपर आरोप है कि वह बिना आईडी प्रूफ के अशरफ से अतीक गैंग के गुर्गों की मुलाकात कराता था। सर्विलांस रिकॉर्ड में उसका नंबर मिलने के बाद कई और सबूत जुटाकर सोमवार को उसकी गिरफ्तारी की गई। अब तक इस मामले में दो सिपाही समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक महीने पहले ही मनोज गौड़ की पोस्टिंग पीलीभीत में हुई थी। इससे पहले वह बरेली जिला जेल में ही तैनात था। उसपर आरोप है कि वह सिपाही शिवहरि अवस्थी के साथ मिलकर अशरफ के गुर्गों की नियमों को ताक पर रखकर मिलाई कराता था। सोमवार को पुलिस ने बयान देने के बहाने बुलाकर उसे हिरासत में ले लिया।
मामले की जांच कर रही एसआईटी अब अशरफ के गुर्गो की मुलाकात के दौरान तैनात जेलकर्मियों का डाटा खंगाल रही है। जेल मुख्यालय ने 11 फरवरी से 24 फरवरी के बीच की फुटेज एसआईटी को सौंपी है। इसमें सिपाही मनोज गौड़ के खिलाफ एसआईटी को पर्याप्त सबूत मिले थे। वहीं अशरफ से जेल में मुलाकात करने वाले जिन गुर्गों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। इनमें अशरफ, उसका ***** सद्दाम और उसका साथी लल्ला गद्दी भी शामिल है। इस मामले में सद्दाम और लल्ला गद्दी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
अतीक के गुर्गों की अशरफ से यूं होती थी मुलाकात
अतीक अहमद के भाई अशरफ को जेल/केंद्रीय कारागार-2 की कैंटीन में बंदी रक्षक की मदद मिलती थी। वह यहां से अशरफ तक सामान सप्लाई करता था। इतना ही नहीं जेल में अशरफ की उसके करीबियों से मुलाकात भी करवाई जाती थी। यह मुलाकात नकली आईडी या फिर बिना आईडी के कराई जाती थी। दोनों सिपाही बड़ी ही चालाकी से गुर्गों को अशरफ तक पहुंचा देते थे।
Updated on:
13 Mar 2023 09:04 pm
Published on:
13 Mar 2023 09:03 pm
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