
बरेली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूपीसीसीएससीआर परीक्षा में एक फर्जी उम्मीदवार (मुन्नाभाई) पकड़ा गया। यह आरोपी, पैसे के लालच में, पद्मावती स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर दूसरे व्यक्ति की जगह परीक्षा देने आया था। स्कूल की प्रिंसिपल ममता सक्सेना की शिकायत पर आरोपी और उसके साथी के खिलाफ इज्जतनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पद्मावती स्कूल में परीक्षा के दूसरे चरण के दौरान छात्रों का प्रवेश हो रहा था। सभी उम्मीदवारों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया गया। जब विशांत नाम के उम्मीदवार की फिंगरप्रिंट स्कैनिंग हुई, तो उसका फिंगरप्रिंट सिस्टम से मैच नहीं हुआ। परीक्षा टीम ने कई बार जांच की, लेकिन फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुआ।
शक होने पर टीम ने उससे पूछताछ शुरू की। आरोपी घबरा गया और संदेह बढ़ने पर उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि पकड़ा गया व्यक्ति विशांत नहीं, बल्कि उत्तम कुमार है। उत्तम बिहार का निवासी है और विशांत उसका दोस्त है। दोस्ती के चलते उत्तम ने विशांत के स्थान पर परीक्षा देने की बात स्वीकार की। उसने बताया कि उसे इस काम के लिए एडवांस में कुछ पैसे दिए गए थे, और परीक्षा के बाद पूरी रकम देने की बात तय हुई थी।
विशांत उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के शिकारगाह धनपुरा का निवासी है, जबकि उत्तम बिहार का रहने वाला है। पुलिस को उनकी इस गहरी दोस्ती पर संदेह हुआ। सख्त पूछताछ के बाद उत्तम ने कबूल किया कि उसने मोटी रकम के लालच में यह काम किया।
स्कूल की प्रिंसिपल ममता सक्सेना की शिकायत पर इज्जतनगर थाने में उत्तम कुमार और विशांत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह केवल 12वीं तक पढ़ा है। ऐसे में फर्जीवाड़े की इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संबंधित विषय:
Published on:
06 Jan 2025 09:22 am
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
