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सड़कों पर नहीं दिखेंगे आवारा गोवंश, आश्रय स्थलों में मिलेगी पनाह, अफसरों को 10 दिन का अल्टीमेटम

निराश्रित गोवंश की समस्या से निपटने और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को सर्किट हाउस में बड़ी बैठक हुई। विशेष सचिव पशुपालन विभाग देवेन्द्र कुमार पांडेय ने मंडल के अफसरों संग समीक्षा की और साफ कहा कि गौवंश संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

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बरेली। निराश्रित गोवंश की समस्या से निपटने और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को सर्किट हाउस में बड़ी बैठक हुई। विशेष सचिव पशुपालन विभाग देवेन्द्र कुमार पांडेय ने मंडल के अफसरों संग समीक्षा की और साफ कहा कि गौवंश संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

बैठक में निर्देश दिए गए कि सड़क और खेतों में भटक रहे गोवंशों को तत्काल गौ-आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए। नए वृहद गो-संरक्षण केंद्रों का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जाएगा। पुराने केंद्रों में बाउंड्रीवाल बनाने का काम सांसद और विधायक निधि से कराने के आदेश हुए। चारे की कमी से निपटने के लिए गोचर भूमि से हरा चारा उपलब्ध कराने और जरूरत पड़ने पर साइलेज की सप्लाई बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

पशु मेले में मिलेगा लोन और पशु

विशेष सचिव पांडेय ने कहा कि आम लोगों को पशुपालन से जोड़ने के लिए पशु मेले आयोजित किए जाएं। इन मेलों में बैंकों के स्टॉल लगाकर मौके पर ही लोन स्वीकृत कराया जाए और इच्छुक लोगों को तुरंत गाय-बकरी उपलब्ध कराई जाए। यह काम 10 दिन के भीतर पूरा करने का अल्टीमेटम अफसरों को दिया गया। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि जिले के 14 लाख ग्रामीण परिवार आजीविका मिशन से जुड़े हैं। इन परिवारों को गौपालन और बकरी पालन के लिए लोन व सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध और मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देकर प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सीडीओ की सख्ती: हर महीने तय तारीख पर भेजें रिपोर्ट

मुख्य विकास अधिकारी देवयानी ने अफसरों को चेतावनी दी कि गौ आश्रय स्थलों की फंड रिक्वेस्ट हर महीने समय से भेजें। पोर्टल पर दर्ज गौवंश की संख्या और जमीन पर मौजूद संख्या में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
बीमार और घायल पशुओं के इलाज की अलग व्यवस्था हो, चारागाह भूमि पर कब्जे तुरंत हटाए जाएं और हरा चारा सही समय पर गौवंश तक पहुंचे। बैठक में नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, अपर निदेशक पशुपालन डॉ. एम.पी. सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


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