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सुन्नी कांफ्रेंस में मुसलमानों की शिक्षा के लिए उठी आवाज

बुलंदी पर पहुंचने का रास्ता तालीम- मन्नानी मियां

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Sunni conference

सुन्नी कांफ्रेंस में मुसलमानों की शिक्षा के लिए उठी आवाज

बरेली। उर्स ए रज़वी के मौके पर बाकरगंज स्थित मदरसा जामिया नूरिया रजविया में शहज़ादा ए आला हज़रत मौलाना मन्नान रज़ा खां (मन्नानी मियां) ने सुन्नी कांफ्रेंस का आयोजन किया। सुन्नी कांफ्रेंस में देश विदेश से आए हजारों लोगों ने शिरकत की। कांफ्रेंस में मुसलमानों की शिक्षा पर जोर दिया गया। कांफ्रेस में बताया गया कि बुलंदी पर पहुंचने का रास्ता तालीम है इस लिए मुसलमानों को तालीम पर ध्यान देना होगा। इस मौके पर नबीरे आलाहजरत, इमरान रज़ा ख़ाँ क़ादरी ने कहा कि इल्मी रास्तो पर चलकर ही मंज़िल मिलती है। मुसलमानों को तालीम की ओर बढ़ना होगा।

शिक्षा पर दिया जोर

इस अवसर पर मन्नानी मियां ने कहा कि मदरसा जामिया नूरिया रजविया की बुनियाद मुफ़्ती ए आज़म हिन्द की दुआओं से रखी गई। आज पूरी दुनिया मे इस मदरसे के पढ़े हुए छात्र क़ामयाबी की ऊँचाई पर हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए तालीम हासिल करना बहुत जरूरी है क्योकि तालीम बुलंदियों पर पहुँचाती है। कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि बाकरगंज ईदगाह के इसी मैदान पर आला हज़रत के जनाज़े की नमाज़ अदा हुई थी। आज इस महफ़िल में आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां की रूह मौजूद हैं और आला हज़रत अक़ीदतमंदो को फ़ैज़याब करेंगे। इस मौके पर मौलाना नवेद रज़ा खाँ ने कहा कि खुशकिस्मती से आला हजरत के 100वें उर्स में शामिल होने का मौका मिला है। हमारी दुआँ हैं सारी दुनिया में अमनो अमान मोहब्बत क़ायम हो और मसलके आला हज़रत के बताये हुए रास्ते पर चलकर सच्चे आशिके रसूल बने।नबीरा ए आला हज़रत मौलाना इमरान रज़ा खां समनानी मियां ने कहा कि आला हज़रत इल्म का समुन्द्र हैं और इंसान का असल खज़ाना तालीम हैं आज के दौर में ज़रूरी हैं कि मुसलमान दिनी तालीम के साथ साथ दुनियाबी तालीम हासिल करें।

उलेमा का हुआ सम्मान
इस अवसर पर उलेमाओं को 2018 में मसलके आला हज़रत अवॉर्ड और ताजुशशरिया अवॉर्ड से नवाज़ा गया। 100वें उर्से आला हज़रत के मौके पर समनानी मियां और नवेद मियां ने पर्यावरण की सलामती के लिये 100 पेड़ पौधे जामिया नूरिया मदरसे में लगाये। शहज़ादे आला हज़रत हज़रत मन्नानी मियां और समनानी मियां ने नवेद ए मिल्लत की किताब सिराते मुफ़्ती ए आज़म का विमोचन किया और किताबें कांफ्रेस में मौजूद लोगों को दी गई।
इस अवसर पर नबीरा ए आला हज़रत मौलाना तौसीफ रज़ा खां,मौलाना अंजुम मियां,मौलाना तस्लीम रज़ा खां,मौलाना हन्नान रज़ा खां,मौलाना अर्सलान रज़ा खां,मौलाना उमर रज़ा खां, मौलाना आमिर रज़ा खां,मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी,मो.तनईम रज़ा खां,पम्मी खां वारसी,मो दयान रज़ा खाँ,मो हामिद रज़ा खाँ आदि मौजूद रहें।