11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर मौलाना तौकीर का निशाना, बोले- RSS के साथ मिलकर की साजिश

मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा-शरई अदालतें मुनासिब नहीं। आरएसएस के साथ मिलकर साजिश कर रहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड।

2 min read
Google source verification

बरेली

image

Amit Sharma

Jul 14, 2018

Muslim Personal Law Board

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर मौलाना तौकीर का निशाना, बोले- RSS के साथ मिलकर की साजिश

बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 'जदीद' की वर्किंग कमेटी की बैठक दरगाह आला हजरत स्थित नबीरे आला हजरत मौलाना तौकीर रज़ा खां के निवास पर हुई जिसमें देश के कई हिस्सों से आए कमेटी के 21 सदस्यों ने शिरकत की। बैठक के बाद मौलाना तौकीर रजा खां ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की गैर जिम्मेदारी की वजह से उन्होंने पर्सनल लॉ बोर्ड 'जदीद' बनाया था लेकिन सियासी फायदे के लिए बोर्ड का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शरई अदालतों की बात कर रहा है जबकि मजहबी फैसलों के लिए दारुल इफ्ता है जहां से शरई फैसले होते रहे हैं। हिंदुस्तान में लोकतंत्र है और दारुल इफ्ता का किसी ने भी विरोध नहीं किया है। इसलिए शरई अदालतों को कायम करना मुनासिब नहीं है। इसलिए बैठक में फैसला किया गया है कि इस नाकाम बोर्ड को खारिज किया जाता है और अब मुस्लिम पर्सनल लॉ के मामलों की पैरवी उनका बोर्ड जदीद करेगा और ऐसे मामलों को देखेगा।

भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया मुद्दा

मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आरएसएस के साथ मिलकर साजिश कर रहा है। चुनाव से पहले हिन्दू मुसलमान को आमने सामने लाने का काम हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए शरई अदालत का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंंने कहा कि हमने पहले भी बोर्ड को वाक ओवर दिया था लेकिन बोर्ड नाकाम साबित हुआ है इसलिए वर्किंग कमेटी में फैसला हुआ है कि पुराने बोर्ड को रद्द किया जाता है उन्होंने दावा किया कि हमने सर्वे कराया है और 80 प्रतिशत आबादी बोर्ड को रद्द करने के पक्ष में है।

बोर्ड से मेरा नाम जोड़ा

मौलाना तौकीर ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बगैर उनकी मर्जी के उनको सदस्य बनाया था और उनका नाम वेबसाइट पर भी डाल दिया था इस बात को लेकर उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पत्र लिखा था लेकिन कोई जवाब नहींं आया।

शरीयत की हद पार करने वाला मुसलमान नहीं

प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि मजहब में दखल बर्दास्त नहीं किया जाएगा और जो भी शरीयत की हद पार करता है वो मुलसमान नहींं रहता है। निदा खान और फ़रहत नक़वी को इस्लाम से खारिज किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये अधिकार शहर इमाम को नहीं है।

समलैंगिग सम्बन्ध अपराध

उन्होंने कहा कि धारा 377 खत्म नहींं होनी चाहिए और समलैंगिंग सम्बन्धों को मान्यता नहींं मिलनी चाहिए। ये अपराध था और अपराध है।