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सूख चुकी नाहल को फिर से बहाएगा प्रशासन, इस हफ्ते युद्धस्तर पर शुरू होगा काम, निरीक्षण के बाद डीएम ने दिए सख्त निर्देश

मीरगंज की सूखी पड़ी नाहल नदी को अब फिर से जीवन देने की तैयारी शुरू हो गई है। जिले की इस भूली-बिसरी नदी को फिर से बहाल करने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। डीएम अविनाश सिंह के नेतृत्व में बनी कमेटी इसी हफ्ते युद्धस्तर पर काम शुरू करने जा रही है।

डीएम अविनाश सिंह (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। मीरगंज की सूखी पड़ी नाहल नदी को अब फिर से जीवन देने की तैयारी शुरू हो गई है। जिले की इस भूली-बिसरी नदी को फिर से बहाल करने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। डीएम अविनाश सिंह के नेतृत्व में बनी कमेटी इसी हफ्ते युद्धस्तर पर काम शुरू करने जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक मरी हुई नदी और एक झील को दोबारा जिंदा करने की जिम्मेदारी अफसरों को दी है। इसी के तहत मीरगंज की नाहल नदी को चुना गया है, जो कभी इलाके की शान हुआ करती थी लेकिन अब सिर्फ यादों में बची है।

पिछले दिनों डीएम और सीडीओ ने किया था निरीक्षण

हाल ही में डीएम, सीडीओ और अन्य अफसरों की टीम ने खुद मौके पर जाकर नाहल नदी का निरीक्षण किया। यह नदी रामपुर जिले के धनेली गांव से निकलती है और मीरगंज की सीमा में लाभारी गांव से दाखिल होती है। वहां से कुलछा, सिलरापुर, खमरिया सानी होते हुए सिंधौली के पास पीला खार नदी में मिल जाती है। फिलहाल हालात ये हैं कि नदी में कई जगहों पर पानी नाममात्र भी नहीं है, पूरी तरह सूख चुकी है। लेकिन अब इसे दोबारा जिंदा करने की ठानी गई है।

नाहल नदी से 10 हजार हेक्टेयर जमीन की होती थी सिंचाई

डीएम अविनाश सिंह ने कहा नदियां सिर्फ पानी की धार नहीं होतीं, ये जिंदगी की नसें होती हैं। जहां नदियां सूखती हैं, वहां जीवन भी सूखने लगता है। नाहल को फिर से बहाने के लिए प्रशासन पूरी ताकत लगाएगा, लेकिन इसमें जनता की भागीदारी भी जरूरी है। पुराने दिनों की बात करें तो नाहल नदी से करीब 10 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती थी। पशु-पक्षियों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं थी। नौसना गांव के पास इस नदी पर बना पुल आज भी मौजूद है, लेकिन उसके नीचे अब पानी नहीं, सिर्फ मिट्टी है।

टीम ने अफसर, प्रधान और सचिव शामिल

नदी को दोबारा बहाने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गई है, जिसमें अफसरों से लेकर ग्राम प्रधान और सचिव तक शामिल हैं। इस कमेटी की कमान मुख्य विकास अधिकारी संभालेंगे और संचालन का जिम्मा अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) को दिया गया है।