
बरेली। मिशन शक्ति 5.0 को कागज़ों से निकालकर जमीन पर मजबूत बनाने के लिए बुधवार को बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने चारों जिलों बरेली, बदायूं, शाहजहाँपुर और पीलीभीत के मिशन शक्ति केंद्रों की कड़ी समीक्षा की। महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों और शिकायतों पर कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा खंगाला गया। कई थानों को सख्त निर्देश देते हुए डीआईजी ने साफ चेतावनी दी कि महिला शिकायतों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
समीक्षा के दौरान डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि मिशन शक्ति सेंटर में बैठने वाले पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता महिला की बात पूरी संवेदनशीलता और सम्मान के साथ सुनें। उन्होंने दो-टूक कहा किसी भी शिकायत को लंबित मत छोड़ो, तुरंत फैसला दो। शिकायत टलने पर कार्रवाई तय है। डीआईजी ने पाया कि कई जगह रजिस्टरों में विवरण अधूरा है। इस पर आगाह करते हुए उन्होंने कहा शिकायतकर्ता का नाम, पता, मोबाइल नंबर और समस्या का पूरा ब्यौरा दर्ज हो, और समाधान के बाद की गई कार्रवाई पर थाना प्रभारी खुद हस्ताक्षर करके अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
डीआईजी ने आदेश दिया कि समस्या का निस्तारण होने के बाद महिला को फोन करके फीडबैक जरूर लिया जाए। यानी अब सिर्फ कागज़ी कार्रवाई नहीं चलेगी, पुलिस को सुनिश्चित करना होगा कि महिला संतुष्ट है या नहीं। थाना क्षेत्र में भ्रमणशील टीमों का दैनिक पर्यवेक्षण करने का निर्देश देते हुए डीआईजी ने कहा कि महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर फील्ड में सक्रियता ही मिशन शक्ति की असली सफलता है।
समीक्षा में डीआईजी ने कहा कि महिला अपराधों में संलिप्त व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई, गिरफ्तारी और सख्त धाराएं लागू की जाएं। किसी भी आरोपी को ढील दी गई तो जिम्मेदारी थाने की होगी। थानों को निर्देश दिया गया कि हेल्पलाइन, महिला सुरक्षा कानून और सरकारी योजनाओं की जानकारी गांव-गांव, मोहल्लों और स्कूलों तक पहुंचाई जाए। डीआईजी ने साफ कहा कि मिशन शक्ति सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, जरूरत पड़े तो अन्य विभागों को भी शामिल किया जाए।
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Updated on:
10 Dec 2025 08:39 pm
Published on:
10 Dec 2025 08:38 pm
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