
बरेली। यूपी के नामचीन एसआरएमएस ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार, ब्लैकमनी, कर्मचारियों के शोषण और मनमानी के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले की शिकायत पीएमओ में की गई। पीएमओ के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। एसआरएमएस ट्रस्ट को नोटिस जारी किया गया है। संस्थान के पूर्व एचआर मैनेजर आशीष ने एक वीडियो जारी कर अंदरूनी घोटालों का खुलासा कर सनसनी फैला दी है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसआरएमएस ट्रस्ट से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक हड़कंप मच गया है।
आशीष ने वीडियो में दावा किया कि संस्थान में हर महीने करीब 4,500 कर्मचारियों को सैलरी कैश में दी जाती है, जबकि उनसे जबरन चेक पर साइन कराए जाते हैं। इन चेकों में लिखा होता है कि कर्मचारियों ने अपनी सैलरी ट्रस्ट को दान में दी है। असल में यह तरीका ब्लैकमनी को व्हाइट करने का संगठित सिंडीकेट है। आशीष ने कहा कि एमबीबीएस कोर्स की फीस भी दो हिस्सों में ली जाती है, आधी ऑनलाइन और आधी कैश में।
आशीष ने वीडियो में बताया कि तीन महीने पहले चेयरमैन देवमूर्ति ने उन्हें बुलाकर कर्मचारियों की छंटनी योजना सौंपी थी। इसके बाद मेडिकल जांच के नाम पर 350 कर्मचारियों जिनमें नर्स, क्लर्क, गार्ड को मेडिकल अनफिट बताकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। निकाले गए कर्मचारियों में से एक नर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को शिकायत भेजी। पीएमओ ने संस्थान से रिपोर्ट मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। कुछ ही दिनों बाद आशीष को पद से हटा दिया गया।
वीडियो में आशीष ने बताया कि संस्थान में सीनियर कर्मचारियों को हटाकर मनमाने तरीके से वसूली की जाती है। एक कर्मचारी को 22 साल की सेवा के बाद सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसकी सैलरी ज्यादा थी। आशीष ने यह भी बताया कि नर्सों से एएलएस-बीएलएस ट्रेनिंग फीस के नाम पर दोहरी वसूली की जाती है, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। यहां तक कि कर्मचारियों का पीएफ तक नहीं काटा जाता।
आशीष ने यह भी आरोप लगाया कि संस्थान के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए अफसरों और अधिकारियों को महंगे गिफ्ट और सुविधाएं दी जाती हैं। यही वजह है कि इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने के बावजूद कोई जांच नहीं होती। वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग लगातार संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। आशीष ने मौजूदा एचआर मैनेजर अजीत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अजीत के पास एचआर की फर्जी डिग्री है और उन्हें एचआर के बुनियादी नियमों का ज्ञान तक नहीं है, लेकिन अंदरखाने की मिलीभगत के चलते उन्हें ऊंचे पद पर बैठा रखा गया है।
वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया। सीएमओ ने एसआरएमएस ट्रस्ट को नोटिस जारी कर सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं,जिलाधिकारी कार्यालय ने भी रिपोर्ट तलब की है।
Published on:
11 Nov 2025 06:03 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
