
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनमोहन पाण्डेय
बरेली। किसानों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से एक और सार्थक कदम उठाया गया है। गौशालाओं को वर्ष भर पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग की ओर से नैपियर घास उत्पादन योजना संचालित की जा रही है, जिससे किसान और पशुपालक दोनों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनमोहन पाण्डेय ने बताया कि ऐसे कृषक जिनके पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, वे अपने खेतों में नैपियर घास उगा सकते हैं। योजना के तहत विभाग की ओर से नैपियर घास की जड़ें निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही खेत की तैयारी, खाद-उर्वरक, सिंचाई आदि के लिए 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान सहायता दो किश्तों में प्रदान की जाएगी।
योजना के अंतर्गत पात्र किसानों और पशुपालकों का चयन करते समय अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के परिवारों के साथ-साथ महिला मुखिया परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह व्यवस्था योगी सरकार की उस नीति को मजबूत करती है, जिसमें सामाजिक समावेशन के साथ आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखा गया है। इच्छुक व पात्र किसान अपना आवेदन क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी अथवा उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से कार्यालय में प्रेषित कर सकते हैं। योजना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कार्यदिवस में पशुपालन विभाग के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
समय रहते आवेदन कर किसान इस योजना का लाभ उठाकर न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि गौशालाओं और पशुधन के लिए स्थायी चारा व्यवस्था में भी भागीदार बन सकते हैं। सीवीओ डॉक्टर मनमोहन पांडेय ने बताया कि किसानों को नेपियर घास की जड़े निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिससे किसान नेपियर घास का उत्पादन बड़े पैमाने पर कर सकते हैं। हरे चारे के साथ-साथ जड़ों की भी बिक्री की जा सकती है।
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Published on:
24 Dec 2025 07:51 pm
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