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Triple Talaq Bill पास होते ही बदले उलेमा के सुर, स्वागत करते हुए कहा कि करेंगे लोगों को जागरूक

Triple talaq Bill पास होने के बाद मीडिया को जारी किए गए बयान में मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि तीन तलाक एक साथ देना समाज के अन्दर की बुराई थी।  

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बरेली। तीन तलाक बिल triple talaq bill पर केंद्र सरकार को बड़ी सफलता मिली है। लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी पास Triple Talaq Bill Passes हो गया। बिल पास होने के बाद तलाक पीड़ित Talaq Victim महिलाओं ने जश्न मना कर खुशी का इजहार किया वहीं उलेमाओं ulema ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। तन्ज़ीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने बिल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल पास होना ही था, क्योंकि केन्द्र सरकार मुस्लिम महिलाओं के साथ हम़दर्दी जता कर मुस्लिम समाज muslim के दरमियाँन से ही कुछ वोट बैंक vote bank हासिल करना था जिसमें उनको कामयाबी मिल गयी है। बिल से जहाँ नुकसानात होगे वही कुछ फायदा भी हो सकता है, क्योंकि हर बुराई में अच्छाई का पहलू छिपा रहता है इसलिए हम ये समझ रहे हैं कि इस बिल के ज़रिये कोई न कोई अच्छाई का पहलू नज़र आयगा।

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करेंगे जागरूक

तीन तलाक बिल पास होने के बाद मीडिया को जारी किए गए बयान में मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि तीन तलाक एक साथ देना समाज के अन्दर की बुराई थी। इस बारे में उलमा और मस्जिदों के इमाम बराबर आगाह व बताते रहे हैं मगर समाज का एक बहुत बड़ा तबका इनकी बातो पर अमल करता नजर नहीं आया जिसकी सज़ा पूरी कौम को इस तौर पर मिली है।अब भी समाज में सुधार की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि तन्ज़ीम बहुत जल्द रुहेलखंण्ड क्षेत्र के उलमा व मशा़ईक, मस्जिदो के इम़ाम व मदरसों के संचालक और मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाने जा रही है जिसमें समाज के अन्दर आई बुराईयों पर खात्मे की रणनीत बनायीं जाएगी।

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बिल का किया स्वागत

मौलाना ने आगे कहा के देश में अब दो तरह के कानून का पालन होगा। एक वो कानून जो कुरान व हदीस के मुताबिक है दूसरा वो कानून जो संसद द्वारा पास किया गया है ऐसी सूरत मे मुस्लिम समाज में बड़े पैमाने पर टकराव की सूरत पैदा होगी जिससे बहुत सारी समस्या उत्पन्न हो जायेगी उसकाे सम्भाल पाना समाज के जिम्मेदारो के लिए बहुत मुश्किल होगा। बेहतर तो यह होता कि मुस्लिम महिलाओं के उत्थान और शिक्षा व स्वास्थ्य के मैदान में नयी योजनाए लाकर पढा लिखा बनाया जाता और उनको अपने पैरों पर खड़ा किया जाता मगर यह सब न करके मुस्लिम समाज की कमजोर नब्ज पर हाथ रखके कानून बना दिया गया है। बरहाल हम सांसद द्वारा पारित कानून का स्वागत करते है।


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