
अब सड़कों पर नहीं भटकेंगी गाय, बनेंगे संरक्षण केंद्र
बरेली। प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खानों पर सख्ती से सड़कों पर गौवंश की संख्या बढ़ गई है। इन्हें पालने वाले बूढ़ी हो जाने पर गायों को सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ देते हैं। सड़कों पर गौवंश की भरमार की शिकायत पर सरकार सक्रिय हो गई है और अब सरकार बुंदेलखंड के सात जिलों को छोड़ कर सभी जिलों में गौसंरक्षण केंद्र खोलने जा रही है इसके लिए सरकार की तरफ से बजट जारी किया गया है।एक गौसंरक्षण केंद्र के बनने में एक करोड़ 20 लाख रुपए खर्च होंगे जिसमें से 50-50 लाख रुपए की पहली किश्त जारी कर दी गई है। गौसंरक्षण केंद्र के लिए बरेली में जिला प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है।
68 जिलों में बनेगा गौसंरक्षण केंद्र
आवारा भटकती गायों को लेकर योगी सरकार गम्भीर हो गई है। कई महीनों से योगी सरकार इस पर योजना तैयार कर रही थी जिस पर अब अमल शुरू हुआ है। प्रदेश के 68 जिलों में उत्तर प्रदेश विधायन एवं निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को गौसंरक्षण केंद्र बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। गौसंरक्षण केंद्र में पशुओं की देखभाल का पूरा इंतजाम होगा। उनके रहने से लेकर उपचार तक की व्यवस्था इसमें की जाएगी। शासन ने पैकफेड से तुरंत गौसंरक्षण केंद्रों की डीपीआर देने को कहा है जिससे कि इन केंद्रों का निर्माण किया जा सके। गौसंरक्षण केंद्र का नोडल पशु पालन विभाग को बनाया गया है। इनके संचालन की जिम्मेदारी पशु पालन विभाग की होगी।
ये होंगी सुविधाएं
गौसंरक्षण केंद्र को बनाने में 10 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। चारागाह की जमीन पर गौसंरक्षण केंद्र का निर्माण नहीं किया जाएगा। संरक्षण केंद्र में पक्के निर्माण के अलावा पशुओं के घूमने की भी व्यवस्था की जाएगी। संरक्षण केंद्र में 14 हजार वर्ग फुट में चार गौवंश शेड बनाए जाएंगे। दो हजार वर्ग फिट में दो चारा गोदाम, तीन सौ वर्ग फिट में कार्यालय और दवा केंद्र, 11 सौ वर्ग फिट में छह कर्मचारी आवास और आठ सौ वर्ग फिट में चार चरहियां बनेंगी इसके अलावा शेड के बाहर 54 सौ वर्ग फिट का खुला क्षेत्र होगा। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गौसंरक्षण केंद्र के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। संरक्षण केंद्र खुलने के बाद निराश्रित गौवंश की बेहतर देखभाल हो सकेगी।
Published on:
09 Jul 2018 06:48 pm
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