5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तेल की धार…न बढ़ रही न घट रही, 2013 में 2.25 लाख बैरल और 2023 में 1.25 लाख?

तेल का खजाना नतीजा देने में लगातार पिछड़ रहा है। 2013 में बाड़मेर में 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल का उत्पादन हो रहा था, लेकिन अब 2023 में महज 1.10 लाख पर आ गया है। लक्ष्य 2023 मार्च का 5.50 लाख का था, लेकिन हासिल नहीं है। जिक्र इसलिए महत्वपूर्ण है कि यदि 5.50 लाख उत्पादन हासिल किया होता तो बाड़मेर से राज्य सरकार को 15000 करोड़ राजस्व मिलता जो महज अब 4000 करोड़ मिल रहा है। 11 हजार करोड़ का यह घाटा दर्शाता है कि दुबई बाड़मेर क्यों नहीं बना है।

less than 1 minute read
Google source verification
तेल की धार...न बढ़ रही न घट रही, 2013 में 2.25 लाख बैरल और 2023 में 1.25 लाख?

तेल की धार...न बढ़ रही न घट रही, 2013 में 2.25 लाख बैरल और 2023 में 1.25 लाख?

रतन दवे - बाड़मेर . बाड़मेर में क्रूड ऑयल उत्पादन को लेकर स्थितियां आगे बढऩे की बजाय लगातार पीछे खिसक रही है। 2009 में तेल उत्पादन शुरू हुआ और 2013 तक 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन छू गया लेकिन अब दस साल में यह बढऩे की बजाय लगातार घट रहा है। 2018 में तो इसे बढ़ाकर 5.50 लाख बैरल तक ले जाने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन 2023 तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है। बाड़मेर में तेल की धार के भौंथरा होने का नतीजा है कि राज्य व केन्द्र सरकार दोनों को ही प्रतिदिन करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है।
कारण क्या
- तेल फील्ड में उत्पादन घट रहा है और उम्र के हिसाब से यहां कम उत्पादन है
- नए 10 ब्लॉक में अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है
- कंपनी बार-बार घोषणा कर रही है लेकिन उत्पादन नहीं बढ़ा है
छोटे फील्ड पर काम शुरू
कंपनी का लक्ष्य तो बड़ा है लेकिन अभी छोटी डिस्कवरी(तेल खोज) से तेल निकालकर उत्पादन बढ़ाने का तरीका इजाद किया है। इससे पहले कई पॉलीमेकर सहित कई तकनीकों से तेल का अधिकतम उत्पादन भी किया गया है।
यों घटा है तेल उत्पादन
2018-2019-1.50 लाख
2019-20- 1.40 लाख
2020-21-1.25 लाख
2021-2022-1.13
2022-23-1.10 लाख
घाटे को समझे ऐसे
बाड़मेर के तेल से अभी राज्य सरकार को सालाना 4000 करोड़ मिल रहे है। लक्ष्य अनुरूप उत्पादन होता तो यह 15000 करोड़ होते। केन्द्र को प्रतिदिन करीब 10 हजार करोड़ मिल रहे है। यदि उत्पादन 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन होता तो 40 हजार करोड़ होते।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग