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राजस्थान के इस जिले में 200 नए कुएं खोदकर निकाला जाएगा ज़मीन के नीचे छिपा कच्चा तेल, 60% तक बढ़ेगा उत्पादन

Rajasthan News: विकास परियोजना का अगला चरण मंगला फील्ड में अगस्त में शुरू होगा। इसके बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना बन जाएगी।

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रिफाइनरी फोटो: पत्रिका

World's 2nd Largest Polymer Injection Campaign: राज्य के बाड़मेर सांचोर बेसिन के तेल क्षेत्रों से तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर नई तैयारियां शुरू होने जा रही हैं। इसके लिए जल्द वेदांता समूह की कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस अपने क्षारीय सर्फेक्टेंट पॉलिमर (एएसपी) इंजेक्शन के सबसे बड़े चरण की शुरुआत करेगी।

यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा पॉलीमर इंजेक्शन अभियान बताया जा रहा है। इसके लिए बाड़मेर में 200 से अधिक कुओं के पास नए कुएं खोदकर क्षारीय सर्फेक्टेंट पॉलिमर (एएसपी) छोड़ा जाएगा। इससे क्रूड़ ऑयल उत्पादन डेढ़ गुना तक बढ़ने का दावा किया जा रहा है।

इस विकास परियोजना का अगला चरण मंगला फील्ड में अगस्त में शुरू होगा। इसके बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना बन जाएगी। इसका लक्ष्य अगले तीन वर्षों में खोज, मूल्यांकन और विकास के लिए 200 से अधिक कुओं को ड्रिल करना है। मंगला के बाद भाग्यम और ऐश्वर्या आयल फील्ड में उन्नत तेल रिकवरी (ईओआर) तकनीक और एएसपी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाएगा। बाड़मेर में 2004 में तेल खोज मंगला के साथ थार रेगिस्तान में हुई थी। इसके बाद 2009 में तेल उत्पादन की शुरुआत हुई और लगातार सोलह वर्षों से मंगला से उत्पादन जारी है। अब उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई तकनीक पर काम शुरू होने जा रहा है। एएसपी की इंजेक्शन तकनीक से 60 प्रतिशत तक की क्रूड़ ऑयल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। इस तकनीक में क्षार और सर्फेक्टेंट शामिल होते हैं।

ऐसे करती है तकनीक काम


केयर्न ने जून 2024 में एएसपी इंजेक्शन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था। इस तकनीक में भू गर्भ में चट्टानों के साथ चिपके हुए क्रूड की मात्रा को इंजेक्शन वेल के जरिए भेजे गए पॉलीमर की सहायता से बाहर लाया जाता है। सामान्य तकनीक से किसी तेल भंडार से जितना तेल उत्पादित किया जा सकता है, उस उत्पादन को पॉलीमर तकनीक से डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाया जा सकता है।

पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश

प्रदेश में अब तक कई नई तकनीकों का प्रयोग हुआ है। बाड़मेर फील्ड से मंगला पाइपलाइन शुरू होती हो जो लगातार गर्म और इंसुलेटेड रहने वाली विश्व की सबसे लंबी पाइपलाइन है। यह क्रूड को राजस्थान के फील्ड्स से गुजरात की रिफाइनरियों तक पहुंचाती है। पचपदरा रिफाइनरी की शुरुआत के साथ पेट्रोकेमिकल सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और निजी कंपनियां इस सेक्टर में आने के लिए प्रोत्साहित होंगी।