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44 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता, लोकसभा चुनाव में डाल सकेंगे वोट

locationबाड़मेरPublished: Mar 09, 2019 10:25:07 am

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

नागरिकों ने कहा, आतंकवाद खत्म हो, रिश्ता नहीं…

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बाड़मेर।

राज्य सरकार ने जनवरी, 2019 से 6 मार्च 2019 तक विशेष अभियान चलाकर राज्य में लम्बे समय से निवास कर रहे 44 पाक विस्थापतों (Pakistani Migrants) को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) प्रदान की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह राजीव स्वरूप ने बताया कि 44 में उदयपुर के 15, पाली के 11, जालोर के 06 एवं बाड़मेर में रह रहे 12 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। बाड़मेर में प्रमाण पत्र देते हुए कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा, मतदाता सूची में इनके नाम जोड़े जाएंगे और ये पहली बार लोकसभा में मतदान करेंगे।
महिलाएं बोलीं-पीहर छूटे न ससुराल, खत्म हो आतंकवाद (Pakistani Migrants)
पीहर का नाम लेते ही आंखें नम। परिजन की याद और उनकी खैरियत की हर समय जुबान पर दुआ। ससुराल के भी किसी सदस्य को आंच न आए। पीहर पाकिस्तान को छोडकऱ भारत में सुसराल का रिश्ता जोड़ चुकी महिलाएं भारत-पाक के बीच उपजे तनाव में सबसे ज्यादा तनावग्रस्त हैं। बाड़मेर में शुक्रवार को लक्ष्मीबाई, पारसबाई, कविताबाई, एनवबाई, उगमबाई, नखतकंवर एवं लालूबाई ने नागरिकता लेने के बाद कहा कि पीहर-ससुराल दोनों ही अच्छे लगते हैं। बस दोनों के बीच में आतंकवाद खराब है। इसका खात्मा होना चाहिए। हम तो जब तक सांस है यहीं कहेंगी कि न पीहर छूटे न ससुराल।
शुक्रवार को बाड़मेर में ऐसी ही 7 महिलाओं को भारतीय नागकिता मिली तो उन्होंने भी कहा कि पीहर-ससुराल दोनों ही हमें अच्छे लगते है। बस दोनों के बीच में आतंकवाद खराब है। इसका खात्मा होना चाहिए। जिले में 12 लोगों को शुक्रवार को भारतीय नागरिकता मिली ।
शादी करके यहीं बस गया हूं, मां वहां है
दानजी की होदी में रह रहे मोहरसिंह 2003 में भारत आ गए। उनकी शादी यहीं हुई है। रिश्तेदार भी यहीं थे। शादी के बाद मोहरसिंह को पत्नी के साथ यहीं रहना पड़ा। वे कहते है कि इस मुल्क में शांति है लेकिन मेरी मां वहां है। मैं क्यों ऐसे कई लोग है जिनके अपने उधर है। हम तो यही चाहते है कि दोनों देशों के रिश्ते कभी खराब न हों। दोष आतंकवाद का है। इसको जड़ से खत्म करने के लिए दोनों ही वतन एक साथ जो करना है करे।

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