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किसान कैसे बेचे 7 अरब का जीरा, घरों में पड़ा कर रहा बिकने का इंतजार, व्यापारी खरीदने के लिए तैयार नहीं

कोरोना महामारी ( Covid 19 ) में लॉकडाउन ( Lockdown in Rajasthan ) के बीच 7 अरब का जीरा किसानों के घरों में पड़ा है। सरकार के तमाम दावों के बीच किसान जीरा लेकर मंडी पहुंच रहे हैं लेकिन यहां व्यापारी खरीदने के लिए तैयार नहीं है...

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बाड़मेर। कोरोना महामारी ( Covid 19 ) में लॉकडाउन ( Lockdown in Rajasthan ) के बीच 7 अरब का जीरा किसानों के घरों में पड़ा है। सरकार के तमाम दावों के बीच किसान जीरा लेकर मंडी पहुंच रहे हैं लेकिन यहां व्यापारी खरीदने के लिए तैयार नहीं है। पहले जोधपुर व ऊंझा मंडी ले जाकर जीरा बेच देते थे लेकिन कोरोना के कारण यह भी अभी मुमकिन नहीं हो पा रहा है।

बाड़मेर जिले में 1 लाख 70 हजार हेक्टर में जीरे की बुवाई हुई थी। करीब 10 लाख 20 हजार क्विंटल जीरे की पैदावार हुई है। बाड़मेर जिले में 11 खरीद केंद्र कृषि उपज मंडी ने स्थापित किए हैं। जहां महज 5 हजार 435 क्विंटल जीरे की खरीद हुई है। जबकि किसानों का कहना है कि यह खरीद सेंटर महज दिखावा है यहां किसान जीरा नहीं बेच पा रहे हैं।

पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि मंगलवार को 25 से ज्यादा किसान जीरे के सैंपल लेकर बाड़मेर कृषि उपज मंडी पहुंचे। जहां जीरे की बिक्री का आग्रह किया, लेकिन स्थानीय व्यापारी जरूरत अनुसार जीरा खरीद रहे हैं।

किसानों को नहीं होगी परेशानी
मंडी प्रशासन ने जीरा व अन्य अनाज खरीद के लिए अस्थाई गौण मंडी के लाइसेंस दिए हैं। अब तक 5 हजार क्विंटल जीरे की खरीद बाड़मेर के सेंटरों पर हुई है। अब ऊंझा मंडी भी शुरू हो गई है। किसानों को परेशानी नहीं होगी।
— सुरेश मंगल, सचिव कृषि उपज मंडी, बाड़मेर


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