
A drug intoxicating under the flowers of worship
पत्रिका स्ट्रींग
बाड़मेर पत्रिका.
पूजा के फूल....जो आराध्य को चढ़ाए जाते है और उनसे सुखी व समृद्ध जीवन की कामना सावन के इन दिनोंं में की जा रही है कल्पना कीजिए कि इनके नीचे ही जीवन को नाश करने वाला नशा बिक रहा तो कितना खतरनाक खेल खुला खेला जा रहा है। जिला मुख्यालय पर शराब, अफीम डोडा और चरस के बाद अब गांजे का नशा युवाओं को चपेट में लेने लगा है और सावन के महीने में गांजे के नशे की बिक्री इस कदर बढ़ गई है कि अब यह पुडिय़ा शहर के रेलवे स्टेशन के आसपास खुले में बेची जाने लगी है। पत्रिका ने इसकी पड़ताल की तो दो ठिकानों पर ऐसा दृश्य सामने आया। पुलिस का इधर दावा है कि नशे पर नकेल कसने के लिए कड़े आदेश है और ऐसा मामलों में किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
केस.1 फूलों के नीचे...
पत्रिका टीम शनिवार सुबह रेलवे स्टेशन की सामने वाली गली में पहुंची। यहां एक बाइक पर सवार दो जने पहुंचे और कहा कि माल लेना है तो ठेले पर बैठे युवक ने फूलों के टोकरी को उठाया और उसके नीचे रखी पुडिय़ा निकालकर थमा दी।
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केस.2 स्टेशन के गेट पर
पत्रिका टीम रेलवे स्टेशन के गेट के पास पहुुंची। यहां एक केबिन रखा है। जहां गोली-बिस्किट मिल रहा है। यहां टीम की मौजूदगी में एक ग्राहक पहुंचा और बोला भाई साहब माल देना तो दुकान दार ने 100 रुपए लेकर पुडिय़ा थमा दी।
ेपेपर डाल बना देते है सिगरेट
गांजे के नशे में लिप्त युवा दुकान से गांजे की पुडिय़ा खरीदने के बाद ओसीबी पेपर खरीदते है। उसके बाद सिगरेट का तंबाकू मिलाकर गांजा फूकते है। नशे की गिरफ्त में नए युवा व छात्र शामिल हो रहे है। यारी-दोस्ती में गांजे की लत बढ़ रही है।
यहां जमने लगी है महफिलें
शहर के आदर्श स्टेडियम, खेल मैदान, महावीर नगर, पार्क, हाई स्कूल मैदान, पीजी कॉलेज ग्राउंड, उतरलाई रोड़ सहित कई स्थानों पर युवाओं का जमावड़ा रहता है। यहां युवा घर से बाहर आकर दोस्तों के साथ नशा कर रहा है।
आबकारी व पुलिस विभाग अनजान
गांजा का नशा करने वालों से लेकर बेचनेवालों की खबर दोनों ही विभाग अछूते नही है फिर भी लगातार गांजेे की बिक्री होने के बावजूद अभी तक पुलिस और आबकारी विभाग की ओर से कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हो पाई है जबकि शहर के मुख्य स्टेशन पर गांजा की बिक्री हो रही है।
Published on:
28 Jul 2020 08:54 am
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