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आम आदमी की रोटी हुई महंगी, अनाज के भावों में बढ़ोतरी

- अकाल से भाव बढ़े

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आम आदमी की रोटी हुई महंगी, अनाज के भावों में बढ़ोतरी

आम आदमी की रोटी हुई महंगी, अनाज के भावों में बढ़ोतरी


बालोतरा.

मारवाड़ में बारिश के अभाव में खेतों में खड़ी फसलें जल गई। एेसे में किसानों व पशुओं के लिए पेट भराई की बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। पन्द्रह दिन में बाजरा के भाव में प्रति किलो दो रुपए की हुई बढ़ोतरी से गरीबों की परेशानियां बढ़ गई है। मूंग, मोठ, तिल के भावों में बढ़ोतरी पर महंगाई बढऩे को लेकर आमजन परेशान नजर आ रहा है।
मेह की इस वर्ष मारवाड़ पर मेहरबानी नहीं होने से खास से आम की रातों की नींद उड़ गई है। कमजोर वर्षा पर घरों के टांकों व गांव के तालाब, नाडियों में पानी की आवक नहीं होने से पेयजल को लेेकर हर कोई परेशान है। इस पर वर्षा अभाव में किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। वहीं महंगाई बढऩे से आमजन भी परेशान है।

बाजरा हुआ महंगा,किसान-आमजन परेशान

एक माह पूर्व जमाने की आश पर बाजरा के भाव प्रति क्विंटल 1550 रुपए थे। अकाल पडऩे पर अब भाव बढ़कर 1750 रुपए हो गए हंै। देशी बाजरा किसान कम बेचते हंैं। देशी बाजरा के भाव 1800 रुपए से 2100 रुपए हो गए हैं। इस वर्ष देशी बाजरा की पैदावार करीब 30 फीसदी होगी। प्रदेश के अन्य जिलों व गुजरात प्रांत में तैयार होने वाला बाजरा बिक्री के लिए यहां पहुंचता है। देशी बाजरा की खपत के बाद किसान व आमजन इसे खरीदते हैं। इस पर तीन-चार माह बाद बाजरा की कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना है।
यों बढ़े भाव

मारवाड़ में पड़े अकाल पर कृषि जींसो के भावों में बढ़ोतरी हुई है। प्रति क्ंिवटल मंूग 4500 से बढ़कर अब 4900 रुपए, मोठ 3600 से 3950 रुपए, तिल 8300 से 8800 रुपए हो गए हैं। जानकारों के अनुसार भावों में ओर बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस पर मंहगाई बढऩे को लेकर खास से आम परेशान दिखाई दे रहा है। गरीब, कमजोर व मध्यम वर्ग के परिवार मंहगाई बढऩे को लेकर अधिक चिङ्क्षतत है।
पूरे वर्ष की चिंता

क्षेत्र में पड़े अकाल से बाजरा भावों में बढ़ोतरी हुई है। एक पखवाड़ा में ही भावों में प्रति क्ंिवटल दो सौ बढ़ोतरी से परेशान हैं। पूरा वर्ष बिताने को लेकर बहुत चिंतित हैं।

- बाबूलाल सऊ, घड़ोई नाडी

बुवाई पर खर्च किया वह भी नहीं मिला

अकाल पडऩे के साथ ही बाजरा व अन्यों के भावों में बढ़ोतरी हो गई है। खेत बुवाई में जितने खर्च किए थे, उतने भी नहीं मिलेंगे। ऐसे में भावों मेंं बढ़ोतरी को लेकर बहुत परेशान हूं।
- ठाकराराम गोदारा, दूदवा