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ओटीपी के चक्कर में अटक रही उदरपूर्ति

- खाद्यसुरक्षा के तहत मोबाइल पर आ रही ओटीपी- गांवों में कई आधार नहीं जुड़े मोबाइल से - बीस-तीस फीसदी परिवार राशन से वंचित फैक्ट फाइल- जिले में कुल राशनकार्ड धारक-7 लाख 30 हजार खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े परिवार- करीब 5 लाख 25 हजार - खाद्यान से वंचित परिवार करीब एक- सवा लाख

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ओटीपी के चक्कर में अटक रही उदरपूर्ति

ओटीपी के चक्कर में अटक रही उदरपूर्ति



दिलीप दवे
बाड़मेर. सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी तो दे दी, लेकिन ओटीपी के चक्कर में लोगों की उदरपूर्ति में दिक्कत आ रही है। लॉकडाउन के बीच रह रहे राशनकार्ड धारकों में से करीब एक लाख-सवा लाख परिवारों को अभी भी राशन का गेहूं नहीं मिला है। इसके पीछे मुख्य कारण मोबाइल का आधार से नहीं जुड़ा होना है। इस कारण डीलर राशन दे नहीं रहे और जरूरतमंद परिवार चक्कर काट रहे हैं। हालांकि बिना ओटीपी के भी गेहूं व अन्य सामग्री वितरण का प्रावधान है, लेकिन राशनडीलर माथा-फोड़ी से बचने के चक्कर में लोगों को मना कर रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए देश में लॉकडाउन लगाया गया है। 22 मार्च से चल रहे लॉकडाउन के लोग घरों में कैद है। इस दौरान सरकार ने राशन डीलर के मार्फत गेहूं देने का निर्णय किया। यह गेहूं गरीब व जरूरतमंद परिवारों के घर नहीं पहुंच रहा, क्योंकि राशनकार्ड धारक के मोबाइल पर ओटीपी आने के बाद उसको देने पर ही पोस मशीन से गेहूं वितरण हो सकता है। जिले में करीब सवा लाख परिवार ऐसे हैं, जिनका आधार नम्बर मोबाइल से नहीं जुड़ा है। ऐसे में ओटीपी भेजें भी तो कैसे। इस चक्कर में घर के पास पहुंचा हुआ निवाला भी इन परिवारों के गले तक नहीं पहुंच रहा है।
आधार से जुड़ी पोस मशीन- राशनडीलर को राज्य सरकार ने पोस मशीनें दे रखी है। इन मशीनों को हरेक परिवार के राशनकार्ड के साथ आधार नम्बर से जोड़ा हुआ है। राशनकार्ड धारक जब भी राशन लेने जाता है तो डीलर पोस मशीन से फिंगर प्रिंट लेता है। अभी कोरोना के कारण फिंगर प्रिंट बंद होने से मोबाइल पर ओटीपी भेज उसको जनरेट कर राशन दिया जा रहा है।
आधार से मोबाइल नहीं लिंक- जानकारी के अनुसार जिले में कई परिवार ऐसे हैं, जिनका आधार नम्बर मोबाइल से लिंक नहीं है। ऐसे में ओटीपी जाए तो किस पर। वहीं, कई मोबाइल नम्बर बदल जाने से भी दिक्कत आ रही है।
ओटीपी के कारण नहीं मिले गेहूं- मोबाइल पर ओटीपी भेजकर गेहूं वितरण किया जा रहा है, लेकिन गांवों में अधिकांश आधार मोबाइल से जुड़े हुए नहीं है। ऐसे में ओटीपी नहीं जा रही। इसके चलते काफी परिवार राशन से वंचित है।- लूम्भाराम बेनीवाल, सोडियार
आ रही है दिक्कत- हमारे गांव में लगभग आधे परिवारों के मोबाइल व आधार आपस में लिंक नहीं होने से गेहूं वितरण में दिक्कत आ रही है। इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो तो गेहूं वितरण हो सकेगा।- किशनलाल जैन, डीलर सोडियार
ओटीपी से मिलते, विकल्प भी- राशन का वितरण घर के किसी भी सदस्य के आधार जो मोबाइल से लिंक है, उस पर ओटीपी भेज कर किया जा सकता है। राशनकार्ड नम्बर के आधार पर भी राशन वितरण हो सकता है। सभी को राशन मिलेगा यह सुनिश्चित किया जाएगा।- अश्विनी गुजर, जिला रसद अधिकारी बाड़मेर