23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाथ-पांव टूटने पर नहीं टूटा जितना अमराराम, आज टूटेगा उतना

- ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा नहीं दे पाएगा- भर्तियों के इस दौर में वह रहेगा अस्पताल में भर्ती- सरकार उसके इस समय को 2 लाख से ही चुका देगी क्या?

2 min read
Google source verification
हाथ-पांव टूटने पर नहीं टूटा जितना अमराराम, आज टूटेगा उतना

हाथ-पांव टूटने पर नहीं टूटा जितना अमराराम, आज टूटेगा उतना

ह्युमन एंगल
बाड़मेर पत्रिका.
आरटीआइ कार्यकर्ता अमराराम का दर्द पांवों में कीले ठोकने, बर्बरता से मारने और असहनीय दर्द के बाद कराहने पर जितना उठा उससे ज्यादा आज का दिन सोमवार उसके लिए दर्द देगा। वह पल-पल तड़पेगा। बार-बार आंसू बहाएगा और परिवारजनों के उतरे व स्याह चेहरों को देखकर हो सकता है वो टूटता भी नजर आएगा...वजह है अमराराम की आज ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा। उसके हाथ पांव नहीं तोड़े होते तो आज वह परीक्षा में बैठता,लेकिन आज वह मजबूर है। वह सवाल करता है सरकार के दो लाख से मेरा क्या होगा? क्या कसूरवारों को सजा देने के साथ सरकार मुझे अब नौकरी देगी? कब मैं ठीक होऊंगा और कब अपने परिवार का सहारा बनूंगा?
बीए-बीएड कर चुका अमराराम रीट में 119 नंबर लाया था और ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा की तैयारी भी मन से की। उसे नहीं पता था कि परीक्षा से ठीक पहले उसको इस दरिंदगी,हैवानियत और बर्बरता से पीटा जाएगा कि उसके हाथ-पांव तोड़कर बिस्तर पर पटक दिया जाएगा, जहां से वो कितने दिन बाद उठेगा और चल फिर सकेगा उसे खबर नहीं है? बेरोजगार अमराराम कहता है कि हादसे ने उसकी व परिवार की कमर तोड़ दी है। दो बच्चों की जिम्मेदारी उस पर है और मां-बाप ने बड़ी मुश्किल से पढ़ाया था। पिता ने बकरियां चराकर उसकी स्कूल व कॉलेज की जरूरतें पूरी की है, अब तो मुंह आया निवाला था। मेरे परिवार के मुंह से निवाला छीन लिया है।
चिकित्सकों ने ऑपरेशन किया है
जोधपुर में दाखिल अमराराम का चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर लिया है लेकिन वह चलने-फिरने लायक कब होगा,यह अभी तय नहीं है। प्रतियोगी परीक्षाओं का यह दौर जिसमें उसने कई आवेदन दाखिल किए है उसमें न तो वह परीक्षा में बैठ पाएगा और न ही अध्ययन कर तैयारी कर पाएगा। ऐसे में अमराराम को खुद की सरकारी नौकरी आने वाले कई सालों तक नहीं लगने की फिक्र भी बढ़ रही है।
अनुकंपा कर सकती है सरकार
राज्य सरकार ने अमराराम के साथ हुई अमानवीय घटना को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो लाख रुपए के साथ उपचार और सीआइडी सीबी को जांच सौंप दी है। यह सब कदम घटना के खुलासे के साथ अमराराम को तात्कालीन राहत की राशि है,लेकिन सवाल है कि अब उस पर सरकार अनुकंपा करे तो अमराराम और उसके परिवार की जिंदगी को संबल मिल सकता है।
यह है मामला
गिड़ा क्षेत्र के आरटीआइ कार्यकर्ता अमराराम गोदारा पर बर्बबरतापूर्वक हमला बुधवार को हुआ था। उसके पांवों में कीलें ठोक दी गई। हाथ-पांव तोड़ दिए और अधमरा कर फेंक दिया गया। जोधपुर अस्पताल में दाखिल अमराराम के साथ राज्य ही नहीं पूरे देश के लोगों को हमदर्दी है।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग