
Animal Health Units Closed in barmer
भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किए गए तमाम दावे महज कागजी नजर आ रहे हैं। पशु बाहुल्य बाड़मेर जिले में पशुओं को निशुल्क उपचार करने के लिए शुरू की गई पशुपालन विभाग की पशुधन आरोग्य चल इकाइयां लंबे समय से तालों में कैद है।
बाड़मेर जिले में वर्ष-2012 की गणना अनुसार करीब 55 लाख पशुधन है। सरकार ने गत साल बाड़मेर, पचपदरा व चौहटन ब्लॉक स्तर पर पशुधन आरोग्य चल इकाइयां स्थापित कर पशुओं को निशुल्क उपचार करवाने का दावा किया। यहां मुख्यालय पर करोड़ों रुपए खर्च कर बिल्डिंग बनाई, लेकिन चिकित्सकों व मोबाईल वैन के अभाव में यह योजना महज दिखावा बन कर रह गई। तीनों ब्लॉक स्तर पर आरोग्य इकाई से पशुओं का उपचार नहीं हो रहा है जबकि सरकार ने गत बजट सत्र में आरोग्य इकाई के तहत चलने वाली मोबाईल वैन के लिए बजट भी जारी किया, लेकिन चिकित्सकों के अभाव में बजट भी लेप्स हो गया।
उपचार के अभाव में दम तोड़ रहे पशु
बाड़मेर जिला पशु बाहुल्य क्षेत्र है। यहां अधिकांश ग्रामीणों की आजीविका पशुपालन पर निर्भर है। साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण रोजगार के लिए भेड़, बकरी व गाय को पालते हैं। पशुधन को सुमचित नि:शुल्क उपचार देने के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ पशुपालकों को नहीं मिल पाया। पशुपालक बीमार पशुओं को लेकर भटक रहे हैं।
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- मैं बाड़मेर से दुखी हो गया हूं
बाड़मेर से मैं दुखी हो गया हूं। मुझे बाड़मेर नहीं रहना। कई बार कह चुका हूं कि मेरे पास स्टाफ नहीं है। कैसे काम करूं। आरोग्य इकाईयां तो शुरू कर दी, लेकिन चिकित्सक दिए नहीं है। इसलिए अब बंद पड़ी है।- डॉ.गंगाधर शर्मा, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, बाड़मेर
Published on:
08 Mar 2020 11:57 am
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