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बालोतरा की धरती उगलने लगी ‘लाल सोना’, अनार की खेती ने बदली किसानों की तकदीर, हर साल लाखों की आमदनी

बालोतरा जिले में अनार की खेती से किसान बंपर पैदावार कर रहे हैं। कम पानी में होने वाली इस खेती से किसान हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

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Balotra Pomegranate Success Story

अनार की खेती (फोटो- पत्रिका)

बालोतरा/पाटोदी: कभी पत्थरों और रेतीले धोरों के लिए पहचानी जाने वाली बालोतरा जिले की भूमि अब किसानों के लिए ‘सोना उगलने’ लगी है। जिले के पाटोदी के ग्राम पंचायत भाखरसर में पथरीली और रेतीली जमीन पर अनार की बंपर पैदावार ने खेती की तस्वीर बदल दी है।

एक समय जीरा, इसबगोल और तारामीरा जैसी परंपरागत फसलों तक सीमित रहे किसान अब अनार की खेती से सालाना दस लाख रुपए से अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं।

हर बोरवेल क्षेत्र में अनार के बगीचे

भाखरसर में अनार की खेती की शुरुआत किसान शेराराम चौधरी ने की थी। उन्होंने उदाहरण पेश करते हुए पथरीली और रेतीली जमीन पर अनार का बगीचा विकसित किया। लगातार चार-पांच वर्षों से मिल रही अच्छी पैदावार को देखकर अन्य किसानों ने भी अनार की खेती अपनाई।

आज हालात यह हैं कि गांव में करीब 25 किसान अनार की खेती कर रहे हैं और लगभग हर बोरवेल क्षेत्र में अनार के बगीचे नजर आने लगे हैं। भाखरसर को पानी की उपलब्धता के कारण ‘वाटर पॉइंट’ भी कहते है। यहां जमीन में थोड़ी खुदाई करने पर ही पानी उपलब्ध हो जाता है, जिसका लाभ अनार की खेती को मिला।

वर्तमान में यहां से सैकड़ों टन अनार गाड़ियों में भरकर देश-विदेश के बाजारों में भेजे जा रहे हैं। अनार खरीदने के लिए विभिन्न राज्यों से व्यापारी गांव पहुंच रहे हैं। इस सीजन में अनार के भाव 170 से 200 रुपए प्रति किलो तक रहे।

हालांकि, बिन मौसम बारिश और कीट रोगों के कारण इस बार किसानों को कुछ नुकसान भी झेलना पड़ा, जिससे मुनाफा सामान्य रहा। इसके बावजूद आगामी पंद्रह दिनों तक अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

किसानों के अनुसार, एक सीजन में भाखरसर क्षेत्र से चार से पांच करोड़ रुपए तक का अनार व्यापार हो रहा है। वहीं, किसान अब अनार के साथ ही विदेशी खजूर और अमरूद जैसी फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं। धीरे-धीरे खजूर के पौधों पर फल आना शुरू हो गया है।

क्या बोले किसान…

यदि किसान मेहनत करे तो सब कुछ संभव है। अनार की खेती से लगातार अच्छी पैदावार मिलने से किसान इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। अनार की खेती में देसी खाद का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उत्पादन बेहतर हुआ है।
-शेराराम चौधरी, किसान

पहले क्षेत्र में इसबगोल और जीरा की खेती होती थी, लेकिन वर्तमान में अनार की खेती से बेहतर मुनाफा मिलने से किसान इस ओर रुख कर रहे हैं। एक सीजन में टनों के हिसाब से अनार का विक्रय किया जा रहा है।
-मिश्रीमल प्रजापत, किसान

क्षेत्र में अनार की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। अन्य क्षेत्रों से भी किसान अनार की खेती संबंधी जानकारी और सलाह लेने आते हैं। अब भाखरसर सहित आसपास के क्षेत्रों में भी किसान अनार की खेती करने लगे हैं।
-हाजी मांगू खान, किसान