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आशाओं ने बनाई वैक्सीनेशन से ‘दूरी’

-जिले में हड़ताल पर चल रही है आशा सहयोगिनी-रजिस्ट्रेशन होने पर भी नहीं करवा रही कोविड-19 टीकाकरण

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आशाओं ने बनाई वैक्सीनेशन से 'दूरी'

बाड़मेर. पिछले करीब एक महीने से हड़ताल पर चल रही आशा सहयोगिनियों ने वैक्सीनेशन से भी दूरी बनाई हुई है। जबकि हैल्थ वर्कर होने के कारण प्रथम चरण में उनका वैक्सीनेशन होना है। बाड़मेर जिले में करीब 1000 आशाओं का टीकाकारण के लिए पंजीयन हुआ है।
आशा सहयोगिनियों की पूरे प्रदेश में हड़ताल चल रही है। इसके चलते वैक्सीनेशन में पंजीयन होने के बावजूद दूरी बनाकर रखी जा रही है। इसके चलते कोविड टीकाकारण का लक्ष्य पूरा होने में दिक्कत आ रही है। बाड़मेर जिले में करीब 2600 आशाएं हैं, उनमें से प्रथम चरण के टीकाकारण में 1000 को शामिल किया गया था। लेकिन इनमें से बहुत ही कम टीके के लिए आगे आई है।
इसलिए है हड़ताल पर
आशाएं अपनी मांगों को लेकर एक महीने से हड़ताल पर चल रही है। उनकी मांग है कि वेतन 18 हजार रुपए किया जाए, साथ ही बीमा और स्थायी नियुक्ति के अलावा एक ही विभाग में कार्य हो। मांगों के समर्थन में पिछले एक महीने से लगातार प्रदर्शन और ज्ञापन देकर विरोध जता रही है।
हड़ताल को लेकर नहीं करवा रही वैक्सीनेशन
आशाएं हड़ताल के चलते वैक्सीनेशन नहीं करवा रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ को समझाने पर वैक्सीनेशन करवाया है। लेकिन यह संख्या काफी कम है और जिले के कुछ क्षेत्रों में ही इनका कोविड टीकाकरण हुआ है। जिले के कई क्षेत्रों में आशाएं हड़ताल के चलते वैक्सीनेशन से दूरी बनाकर रख रही है।
वैक्सीन के लिए समझाइश की है
आशाओं को वैक्सीनेशन के लिए समझाइश की है। कइयों ने टीकाकारण करवाया भी है। उम्मीद है पंजीकृत सभी आशाएं टीके के लिए आगे आएंगी।
-राकेश भाटी, जिला आशा समन्वयक बाड़मेर
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