5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाड़मेर : वीआइपी की जांच रिपोर्ट मिल रही जल्दी, सामान्य मरीज तो लग जाते है 2-3 दिन

सामान्य मरीज तो नमूनों की जांच रिपोर्ट मिल रही देरी से वीआइपी के घर जाकर ला रहे नमूना और जांच रिपोर्ट भी जल्दी मिल रही

2 min read
Google source verification
बाड़मेर : वीआइपी की जांच रिपोर्ट मिल रही जल्दी, सामान्य मरीज तो लग जाते है 2-3 दिन

बाड़मेर : वीआइपी की जांच रिपोर्ट मिल रही जल्दी, सामान्य मरीज तो लग जाते है 2-3 दिन

बाड़मेर. कोरोना जांच में वीआइपी की जांच पहले हो रही है। जबकि कई सामान्य मरीजों को दो-तीन दिन तक लग रहे हैं। इससे संक्रमित मरीज जहां रिपोर्ट का इंतजार करता रहता है, वहीं वीआइपी है तो उनकी रिपोर्ट जल्दी आ रही है।
बाड़मेर में कोरोना जांच स्थानीय मेडिकल कॉलेज में उम्मीद जगी थी कि अब पेंडेंसी नहीं रहेगी और होगी भी इतनी अधिक नहीं कि रिपोर्ट आने में दो-तीन तक लग जाए। लेकिन 1000 नमूनों के टेस्ट के रोजाना के दावे के बीच पेंडिंग भी नमूने रहते हैं। इसमें सामान्य मरीजों के नमूने ही होते हैं। जबकि वीआइपी के नमूनों की जांच तुरंत करते हुए रिपोर्ट जारी हो रही है।
बाड़मेर और जैसलमेर के नमूनों की जांच
स्थानीय मेडिकल कॉलेज में बाड़मेर के साथ जैसलमेर के नमूनों की जांच भी हो रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जैसलमेर के कोरोना नमूनों की जांच यहां होने से कई बार देरी हो जाती है। यहां पर दो जिलों का काम होने के कारण नमूनों का दबाव भी काफी बढ़ गया है। देरी का एक कारण यह भी बताया जा रहा है।
रात को लिया नमूना, सुबह आ गई रिपोर्ट
वीआइपी के बारे में बात करें तो पिछले दिनों एक अधिकारी कोरोना पॉजिटिव आए थे। इनकी रिपोर्ट दूसरे दिन सुबह ही आ गई। जबकि ऐसे कई केस है, जिनको रिपोर्ट के लिए दिनों तक इंतजार करना पड़ा। बाद में जब पता चला कि पॉजिटिव है तब तक संपर्क में रहने वाले परिवार के सभी लोग संक्रमित हो चुके थे।
देरी का एक उदाहरण
बाड़मेर शहर में गुरुद्वारा के पास रहने वाले दस लोगों के नमूने 1 अगस्त को लिए गए थे। इसके तीसरे दिन 3 अगस्त को सुबह की जांच रिपोर्ट जारी हुई। जिसमें 10 लोग एक साथ पॉजिटिव आए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सामान्य मरीजों की जांच रिपोर्ट में कितना अतिरिक्त समय लग रहा है।
यह भी रहता है खतरा
वीआइपी के मामले में नमूना लेते ही यह होता है कि या तो वे खुद क्वारंटीन हो जाते हैं या फिर विभाग की ओर से अलग से व्यवस्था कर दी जाती है। इससे किसी दूसरे तक संक्रमण फैलने की आशंका खत्म हो जाती है। लेकिन सामान्य मरीज के मामले में यह हो रहा है कि नमूना लेने के बाद उसे सिर्फ क्वारंटीन में रहने की हिदायत दी जाती है। लेकिन परिवार के साथ रहने के कारण पॉजिटिव आने की स्थिति में यह अन्य को संक्रमित कर देता है। ऐसे मामले बाड़मेर शहर में कई समाने आ चुके हैं।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग