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बाड़मेर-जैसलमेर की ओरण बनेगी हैरिटेज साइट, 04 ओरण की प्रक्रिया शुरू

-जोधपुर संभाग की 07 ओरण का लिया था प्रस्ताव- 03 ओरण जमीन असमंजश में अटकी

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बाड़मेर-जैसलमेर की ओरण बनेगी हैरिटेज साइट, 04 ओरण की प्रक्रिया शुरू

बाड़मेर-जैसलमेर की ओरण बनेगी हैरिटेज साइट, 04 ओरण की प्रक्रिया शुरू

बाड़मेर पत्रिका.
सदियों से संरक्षित रही बाड़मेर-जैसलमेर की चार ओरण गोचर को बायो डायवर्सिटी हैरिटेज साइट बनने की उम्मीद जगी है। बाड़मेर की उनरोड़ और मुंगेरिया और जैसलमेर की रामदेवरा और सांवता ओरण को इसमें शामिल किया जा सकता है। बाड़मेर की ढोक को फिलहाल इसमें शामिल नहीं किया गया है।
राज्य जैव विविधता बोर्ड की ओर से जोधपुर संभाग में सात ओरण को बायोडायवर्सिटी हैरिटेज साइट के लिए चयनित किया गया। इसमें बाड़मेर की उनरोड़ व मुंगेरिया एवं जैसलमेर की रामदेवरा व सांवता के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
तीन का मामला अटका
बाड़मेर की ढोक(चौहटन) में जमीन का मालिकाना हक का मामला हाईकोर्ट में होने, ओसियां की जाखण की स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं है और पोकरण की ऐता की ओरण सेना की फील्ड फायरिंग रैंज में होने से इनकी प्रक्रिया रोक दी गई है।
क्या है जैव विविधता अधिनियम
जैव विविधता विरासत स्थल भारत में जैव विविधता महत्व के अधिसूचित क्षेत्र हैं। भारत के राज्यों की सरकारें 2002 के जैव विविधता अधिनियम की धारा 37 के तहत स्थानीय शासी निकायों के परामर्श से जैव विविधता विरासत स्थलों को अधिसूचित कर सकती हैं। इन क्षेत्रों को अद्वितीय और संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र माना जाता है।
सदियों से संरक्षित अब हों सुरक्षित
बाड़मेर-जैसलमेर-बीकानेर में ओरण की जमीन 11 वीं और 12 वीं सदी से संरक्षित है। देवीय कानून को उस समय माना जाता था, जिसकी सौगंध दिलाकर इस जमीन को संरक्षित किया गया, जिसमें पेड़, तालाब, नाडिया और जंगली जीव जंतु रहते है। यहां पर पेड़ों की टहनी काटना भी अपराध है। पशुधन के चरने को ही इसका उपयोग हो सकता था।
एक्सपर्ट व्यू
यह हैरिटेज साइट घोषित होती है तो यहां पर्यटन जुड़ेगा। दूसरा, इस इलाके का संरक्षण होगा। वन्य जीवों की सुरक्षा, किसान और पशुधन सबको लाभ मिलेगा। इसको हैरिटेज साइट घोषित करने का प्रयास लंबे समय से कर रहे है, अब इसको लेकर उम्मीद बढ़ी है। - भुवनेश जैन, विशेषज्ञ ओरण-गोचर संरक्षण
बाड़मेर जैसलमेर में ओरण गोचर की जमीन का संरक्षण
जैसलमेर में यह यह स्थिति
जैसलमेर जिले में करीब 50 हजार बीघा ओरण-गोचर भूमि है। इनमें देगराय, डेलासर, जानरा, सांखला, भादरिया, सलखा, मोकला, बेरेरी, भेलानी, आसकन्दरा प्रमुख ओरण- गोचर क्षेत्र हैं।
बाड़मेर में ओरण गोचर
तहसील - ओरण- गोचर
बाड़मेर-18668.5- 43560
शिव-56309-69798.75
गडरारोड़-84832.9-507274.80
रामसर- 10075.3-48969.40
चौहटन-23639.05-55625.85
सेड़वा-7412.35-69899.85
धोरीमन्ना- 3379.1-23691.65
गुड़ामालानी-19860.55-26057.15
सिणधरी-7171.45-17648.70
बायतु-8435.5-6149.55
गिड़ा-10670.85-8404.70
पचपदरा-18951.01-57024.75
सिवाना-9656.65-11482.86
समदड़ी-12265.6-24506
योग-291327.81-970094.01


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