
रतन दवे / बाड़मेर। बाड़मेर देश और प्रदेश में रोज धनतेरस ( Dhanteras ) लाने वाला इलाका बन रहा है। केंद्र सरकार के खाते में रोजाना 35 करोड़ और राज्य सरकार के खाते में 15 करोड़ रुपए आते हैं। यह आंकड़ा तो अब है, जब 1.75 लाख बैरल क्रूड ऑयल प्रतिदिन बाड़मेर ( Barmer Refinery ) से निकाला जा रहा है। 2022 में जब 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन तेल निकलेगा तो केन्द्र को करीब 100 करोड़ और राज्य को रोजाना 50 करोड़ की आमदनी होगी। तीन साल बाद 43 हजार करोड़ की रिफाइनरी का प्रोजेक्ट और 6000 करोड़ का पेट्रोकेमिकल हब भी पूरा हो जाएगा। तब धोरों की इस धरती से प्रतिदिन 150 करोड़ से अधिक की धनवर्षा होगी।
अब तक एक लाख करोड़
बाड़मेर में तेल उत्पादन 29 अगस्त 2009 में प्रारंभ हुआ। अब तक बाड़मेर करीब एक लाख करोड़ का राजस्व राज्य व केन्द्र को दे चुका है। 65 लाख करोड़ के करीब केन्द्र के खाते में और 35 लाख करोड़ के लगभग राज्य के खाते में आ चुके हैं। एक दशक में इतनी बड़ी राशि देने वाला बाड़मेर एकमात्र जिला है।
यों बरसेगा अब धोरों में धन
- 11 नए ब्लॉक में तेल की खोज फिर से शुरू कर दी गई है, जिससे 6500 वर्ग किमी इलाका बढ़ा है। उम्मीद है कि मंगला जितनी एक बड़ी खोज हाथ लगेगी तो रेत में दबा काला सोना आने वाले 50 साल तक देश-प्रदेश के खजाने को भरता नजर आएगा।
- 02 नए ब्लॉक में बीकानेर और जालौर के इलाके में भी तेल खोज होगी, जिससे संभावनाएं बढ़ी हैं।
- 04 ब्लॉक में गैस के भण्डार को लेकर आशान्वित है कंपनियां, गुड़ामालानी-सांचौर बेसिन पर है केन्द्रित।
- 1000 तेल के कुएं खोदे जाएंगे और बाड़मेर बॉम्बे हाई को पीछे छोडकऱ होगा देश का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र
- बाड़मेर को तेल निकलने के बाद राज्य की आर्थिक राजधानी माना जा रहा है। अब तक 1 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एक दशक में मिल चुका है।
अयोध्या प्रसाद गौड़, महाप्रबंधक केयर्न
Updated on:
25 Oct 2019 03:09 pm
Published on:
25 Oct 2019 03:07 pm
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