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टिड्डी पर काबू पाने में छूट रहे पसीने, गांव-कस्बों में बढ़ रहा फैलाव

बाड़मेर जिले में जहां-जहां टिड्डी का हमला (grasshopers attack) हो रहा है। वहां पर फाका मिल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि टिड्डी से ज्यादा घातक फाका है। इसलिए जहां पर भी फाके की आशंका रहती है, वहां पर टीम (team) को पूर्व में भेजकर सर्वे करवाने के साथ नियंत्रण की गतिविधियां (controlling activities) करवाई जा रही है।

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 tiddi dal 2019

टिड्डी पर काबू पाने में छूट रहे पसीने, गांव-कस्बों में बढ़ रहा फैलाव

बाड़मेर. थार (desert) में टिड्डी (tiddi) पर नियंत्रण करने में टिड्डी नियंत्रण संगठन के पसीने छूट रहे हैं। प्रतिदिन 30-40 शिकायतें टिड्डी हमले (tiddi attack complaint) की मिल रही है। ऐसे में विभाग की टीमें कम पड़ जाती है। पूरे जिले में नियंत्रण (control) के लिए 8 टीमें अभी कार्य कर रही है, सर्वे का जिम्मा भी इन्हीं के पास है। वहीं रोज नए क्षेत्र में टिड्डी आने की सूचना (information) विभाग के लिए परेशानी बढ़ाती जा रही है।
विभाग का कहना है कि पाक से लगातार टिड्डी आ रही है। पूर्व में यह गडरा-सुंदरा क्षेत्र के रास्ते से बाड़मेर (barmer) के सीमावर्ती क्षेत्र (border area) में आई थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बाखासर (bhakhasar) के क्षेत्र से टिड्डी आने से विभाग की मुश्किलें (problems) बढ़ गई है। हालांकि गडरारोड़ क्षेत्र में नियंत्रण के लिए टीम वहीं कैम्प कर रही है। लेकिन नए क्षेत्रों से टिड्डी की आवक होने से विभाग की परेशानी बढ़ती जा रही है।
जहां टिड्डी, वहां फाका
बाड़मेर जिले में जहां-जहां टिड्डी का हमला (tiddi attack) हो रहा है। वहां पर फाका मिल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि टिड्डी से ज्यादा घातक फाका है। इसलिए जहां पर भी फाके की आशंका रहती है, वहां पर टीम को पूर्व में भेजकर सर्वे करवाने के साथ नियंत्रण की गतिविधियां करवाई जा रही है। टीम ने फाका मिलने पर गडरारोड क्षेत्र में लगातार नियंत्रण का कार्य करवाया।
बरसात बढ़ा रही मुसीबत
विभाग के लिए बरसात (rain) परेशानी बढ़ा रही है। इससे टिड्डी के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो रही है। वहीं विभाग बरसात के बाद ऐसे क्षेत्रों में नियंत्रण नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में फाके के जन्म लेने के साथ बढऩे की आशंका से विभाग भी चिंतित है।
रोज आ रही 40 शिकायतें
पिछले तीन-चार दिनों से टिड्डी हमले की शिकायतों का ग्राफ (graph) बढ़ गया है। पूर्व में 10-15 शिकायतें आ रही थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 30-40 हो गया है। विभाग के पास 8 टीमें है, इसलिए 40 शिकायतों के निवारण करने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
ये क्षेत्र नए, जहां पहुंची टिड्डी
बाड़मेर के निकटवर्ती आटी के अलावा हरपालिया, चाडार, लूनाड़ा, मिठड़ाऊ, मिठड़ा आदि नए क्षेत्रों में लाखों की संख्या में टिड्डी पहुंची है। विभाग ने कई स्थानों पर गतिविधियां भी करवाई है। टिड्डी का नए क्षेत्र में फैलाव कार्मिकों के लिए परेशानी पैदा कर रहा है।
बढ़ गई हैं शिकायतें
टिड्डी हमले की शिकायतें पिछले कुछ दिनों से ज्यादा आ रही है। इसलिए विभाग संबंधित से फोटो व वीडियो मंगवा रहा है। इसके बाद टीम भेजी जा रही है।
केवी चौधरी, प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी टिड्डी नियंत्रण संगठन बाड़मेर


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