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बोर्ड परीक्षा की नहीं, कोरोनावायरस की ज्यादा टेंशन

-12वीं बोर्ड की परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थी-शेष रही पहली परीक्षा में मैथ्स ने छुड़ाए पसीने

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बोर्ड परीक्षा की नहीं, कोरोनावायरस की ज्यादा टेंशन

बोर्ड परीक्षा की नहीं, कोरोनावायरस की ज्यादा टेंशन

बाड़मेर. परीक्षा देने जाते समय विद्यार्थी के सामने पेपर को लेकर टेंशन रहता है और चिंता इसकी रहती है कि कैसा होगा। लेकिन गुरुवार को माशिबो की 12वीं की परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों का टेंशन कोरोना को लेकर ज्यादा दिख रहा था। पेपर कैसा करना है, उससे ज्यादा कोरोना से बचाव कैसे करना है, इसकी हिदायत घर, दोस्तों से लेकर स्कूल पहुंचने तक सभी से मिल रही थी। पहले दिन गणित का पेपर हुआ।
बाड़मेर की स्टेशन रोड स्थित हाई स्कूल में परीक्षा के निर्धारित समय से पूर्व ही छात्र पहुंच गए। जहां पर पहले से तैयार टीम ने स्क्रङ्क्षनग की। इसके बाद सभी छात्रों के हाथ साबुन से धुलवाने की व्यवस्था भी की गई। इसके बाद पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया गया।
बच्चों से बनाई रखी दूरी
जांच के दौरान कोराना के चलते बच्चों से दूरी बनाकर रखी गई। केंद्र में प्रवेश से पहले पूछा गया कि कुछ लेकर तो नहीं आए। इसके अलावा बच्चों की जांच नहीं की। सामान्यत: जांच के दौरान उडऩ दस्ता व पर्यवेक्षक पेपर और कॉपी चेक करता है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। कोरोना के कारण सभी ऐहतियात बरतते दिखे।
परीक्षा कक्षों को किया सेनेटाइज
परीक्षा से पहले बाड़मेर के स्टेशन रोड स्कूल में कक्षा-कक्षों को सेनेटाइज किया गया। विद्यार्थियों के पहुंचने से पहले पूरे कक्ष व टेबल-कुर्सी को संक्रमण मुक्त करने के लिए कार्मिकों ने सेनेटाइज कर दिया। इसके बाद सोशल डिस्टेंस बनाकर खड़े छात्रों को एक-एक करके प्रवेश दिया गया।
प्रत्येक कक्ष में 16 की सीटिंग
केंद्र के कक्षों में 16 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई। इसके चलते सभी को सोशल डिस्टेंस की पालना करने का भी कहा गया। इसके चलते छात्रों में काफी दूरी रही।
पहले जैसा जोश बाद में नहीं रहता
परीक्षा की तैयारी तो काफी बीच में छूट गई थी। फिर तिथि आने के बाद तैयारी में जुटे। अब पेपर तो देकर आए हैं, लेकिन जिस तरह का जोश और उत्साह परीक्षा देने का रहता है वह अब नहीं रहा। परीक्षा के साथ कोरोना का टेंशन काफी है।
अश्विनी कुमार, छात्र