
विधायक रविंद्र सिंह भाटी। फाइल फोटो- पत्रिका
बाड़मेर। भारत-पाक सीमा से सटे बाड़मेर जिले में हथियार लाइसेंस को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने मंच से सीमांतवासियों को हथियार लाइसेंस देने की जोरदार पैरवी की, वहीं शेखावत ने हथियारों की बजाय तकनीकी ज्ञान और टेक्नोलॉजी से जुड़ने की जरूरत पर जोर दिया।
दूसरी ओर बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने स्पष्ट कहा कि लाइसेंस केवल वास्तविक आवश्यकता और मजबूत जांच के बाद ही दिए जाने चाहिए, ताकि हथियार अपराधियों तक न पहुंचें।
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि बाड़मेर पाकिस्तान सीमा से लगा जिला है और यहां के लोगों ने हर युद्ध में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों में आज के दौर में हथियार या लाइसेंस नहीं हैं। ऐसे में सरकार को सीमांत गांवों का रिकॉर्ड देखकर पात्र लोगों को लाइसेंसशुदा हथियार देने चाहिए, ताकि सीमा की सुरक्षा और स्थानीय आत्मरक्षा मजबूत हो सके।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मांग पर असहमति जताते हुए कहा कि यदि बॉर्डर क्षेत्र के लोगों को हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे, तो अन्य क्षेत्रों के लोग भी लाइसेंस की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया में हथियारों से ज्यादा तकनीकी ज्ञान की जरूरत है। पश्चिमी राजस्थान के युवाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे समय के साथ कदम मिला सकें।
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि सीमावर्ती जिला होने के कारण जांच के बाद लाइसेंस दिए जा सकते हैं, लेकिन अपराधियों को किसी भी सूरत में हथियार नहीं मिलने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐसे लोग भी लाइसेंसधारी हैं, जो इसके योग्य नहीं हैं। इस संबंध में जिला कलक्टर से चर्चा हो चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वास्तविक जांच और ठोस कारण के बिना हथियार लाइसेंस जारी नहीं किए जाने चाहिए।
Updated on:
15 Dec 2025 03:37 pm
Published on:
15 Dec 2025 03:33 pm
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