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राजस्थान के युवक का कमाल: विश्व में पहली बार 1 मीटर डिलीवरी तकनीक का आविष्कार! डिजिटल एड्रेस सिस्टम होगा आसान

कोरोना काल में उपजे विचार से बाड़मेर जिले के युवा दीपक शारदा ने भारत के लिए डिजिटल एड्रेस सिस्टम 'भारत पिन' विकसित किया है। कनाडा से पढ़ाई कर लौटे दीपक ने गांव-गली को जोड़ने वाला यह नवाचार तैयार किया। दिल्ली में केंद्र सरकार ने इसे नंबर वन आइडिया मानते हुए सम्मानित किया।

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Deepak Sharda from Barmer

Deepak Sharda (Patrika Photo)

बाड़मेर: कोरोना काल में जब लोग घरों में बंद थे, एक युवा को यह चिंता हुई कि घर से दुनिया कैसे देखी जाएगी? हर सामान, हर सेवा घर तक पहुंच रही थी। लेकिन भारत जैसा विशाल देश अपना खुद का डिजिटल मानचित्र तक नहीं रखता था। बस यही विचार उसके मन में क्लिक कर गया और उसने घर बैठे-बैठे पूरी दुनिया को देखने की तकनीक पर कार्य शुरू कर दिया।

कनाडा से पढ़ाई करके लौटे और इंटरनेट की दुनिया के जानकार युवक दीपक शारदा ने स्टार्टअप के लिए भारत के लिए कुछ नया करने का निश्चय किया। उसने भारत के गांव-गांव और गली-गली को जोड़ने के लिए एक डिजिटल मानचित्र बनाने की ठानी। भारत में आधार और यूटीआई अपनी बड़ी भूमिका निभा रहे थे, लेकिन डिजिटल पता का कोई सिस्टम मौजूद नहीं था।

उसने विभिन्न संसाधनों को एकीकृत करने के लिए डेटा पर काम शुरू किया। जब वह यह आइडिया लेकर पिछले वर्ष दिल्ली में भारत सरकार के कार्यक्रम में पहुंचा, तो सब हैरान रह गए। उसके इस विचार को देश में नंबर वन माना गया और उसे पुरस्कार तथा 1,00,000 का नकद सम्मान दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल विजन से प्रभावित यह युवा अब भारत पिन और भारत मैप खोजकर लाया है, जिसे वह देश और राज्य को समर्पित करना चाहता है। सीमांत बाड़मेर जिले का यह प्रयास देश में डिजिटल स्टार्टअप का नया अध्याय माना जा रहा है।

इस विचार में लॉजिस्टिक चुनौतियां, देश की जीडीपी का लाभ, सरकारी योजनाओं की ट्रैकिंग, भ्रष्टाचार-नियंत्रण, छात्रों, किसानों, आम नागरिकों से लेकर चुनाव आयोग सभी के लिए उपयोगी समाधान खोजने का सिलसिला शुरू हुआ। आधार और यूपीआई के बाद यूपिन (डिजिटल पता) वह कड़ी है, जो भारत के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा कर सकती है।

भारत पिन क्या है?

  • भारत पिन एक नया डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम है
  • इसमें दो भाग होते हैं — यूपिन और पीपिन
  • यूपिन + पीपिन से किसी भी स्थान का सटीक डिजिटल पता बनता है
  • यह 7 अक्षरों/अंकों का आसान कोड होता है (जैसे: JPA-2457)
  • पहला अक्षर जिले की पहचान दर्शाता है (जयपुर के लिए J)
  • दूसरा अक्षर तहसील या स्थानीय पहचान का संकेत होता है
  • जहां सड़कें मिलती हैं, गली कटती है, तिराहा या चौराहा होता है, वहां यूपिन दिया जाएगा
  • सड़क के शुरू या खत्म होने वाले स्थान पर भी यूपिन होगा
  • हर चार घर बाद नया यूपिन निर्धारित किया जाएगा


भारत पिन की खासियतें

  • पूरे देश को एक ही डिजिटल एड्रेस सिस्टम में कवर करेगा
  • गलत पतों से होने वाला जीडीपी का 0.5% नुकसान रोका जा सकेगा
  • सरकारी योजनाओं और लाभों की ट्रैकिंग आसान होगी
  • बैंकिंग व वित्तीय सेवाओं की गलत या अपूर्ण पहुंच समाप्त होगी
  • गलत पतों से जुड़े भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी
  • असंगठित क्षेत्र में डेटा संग्रह का सबसे बड़ा माध्यम बनेगा

कोरोनाकाल से लगातार मेहनत की। देश में डिजिटल एड्रेस की तकनीक में यह नवाचार क्रांतिकारी होगा। देश को इससे हजारों करोड़ का फायदा होगा। मैं इसे बनाने के बाद देश को ही समर्पित करने का इरादा रखता हूं। भारत के लिए काम किया है। दिल्ली में प्रोत्साहित किया। अब राजस्थान में भी प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे मेरी काम करने की क्षमता और दृढ किया है।
-दीपक शारदा