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बाड़मेर के गिरल लिग्नाइट पावर लिमिटेड का डिप्टी चीफ इंजीनियर 35 हजार रिश्वत लेने पर गिरफ्तार

एसीबी जोधपुर की बाड़मेर में कार्रवाई 2.80 लाख रुपए का बिल पास करने की एवज में मांगे थे 42 हजार रुपए बाड़मेर के सरकारी आवास में रिश्वत राशि का लिफाफा लेकर टेबल पर रखवाया

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बाड़मेर के गिरल लिग्नाइट पावर लिमिटेड का डिप्टी चीफ इंजीनियर 35 हजार रिश्वत लेने पर गिरफ्तार

बाड़मेर के गिरल लिग्नाइट पावर लिमिटेड का डिप्टी चीफ इंजीनियर 35 हजार रिश्वत लेने पर गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एसीबी जोधपुर की विशेष विंग ने बाड़मेर में गिरल लिग्नाइट पावर लिमिटेड (जीएलपीएल) के डिप्टी चीफ इंजीनियर अशोक पारख को मंगलवार शाम सरकारी आवास पर 35 हजार रुपए रिश्वत लेने पर रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित ने बताया कि बाड़मेर के धोरीमन्ना क्षेत्र में राणासर कलां निवासी फर्म के एक मालिक की शिकायत पर जोधपुर में रूप रजत टाउनशिप निवासी जीएलपीएल के डिप्टी चीफ इंजीनियर अशोक पारख पुत्र बच्छराज जैन को 35 हजार रुपए रिश्वत लेने पर गिरफ्तार किया गया। उसने रिश्वत लेने के लिए परिवादी को सरकारी आवास बुलाया, जहां परिवादी ने उसे रिश्वत राशि का लिफाफा दिया। जो आरोपी ने बैठक कमरे की टी-टेबल पर रख दिया। तभी ब्यूरो के निरीक्षक राजेन्द्रसिंह ने दबिश देकर उप मुख्य अभियंता अशोक पारख को रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी ने रात को जोधपुर में रूप रजत टाउनशिप में बने मकान की तलाशी भी शुरू की।

42 हजार मांगे, सत्यापन में 35 हजार तय हुए

परिवादी की फर्म को वर्ष 2022-23 में जीएलपीएल में श्रमिक संसाधन उपलब्ध करवाने का ठेका मिला था। फर्म से छह चतुर्थ श्रेणी व छह सफाई कर्मचारी उपलब्ध करवाए गए थे। प्रति श्रमिक सात हजार रुपए मिलते हैं। चतुर्थ श्रेणी श्रमिकों के अक्टूबर 2022 से फरवरी 2023 तक का 2.80 लाख रुपए का बिल बनाकर रोका हुआ है। जबकि सफाई श्रमिकों का बिल अभी तक बनाया तक नहीं गया है। करीब छह लाख रुपए व एक लाख रुपए अमानत राशि के बकाया हैं। 2.80 लाख रुपए के बिल पास करने की एवज में एक श्रमिक के 7 हजार रुपए के हिसाब से 42 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी। शिकायत पर 10 अप्रेल को गोपनीय सत्यापन कराया गया तो आरोपी उप मुख्य अभियंता ने 35 हजार रुपए लेना तय किया पाया था।

टोल फ्री नम्बर 1064 में शिकायत पर कार्रवाई

रिश्वत मांगने पर पीडि़त ने 8 अप्रेल को एसीबी के टोल फ्री नम्बर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी। वहां से शिकायत जोधपुर एसीबी को भेजी गई थी। एसीबी ने परिवादी से सम्पर्क कर सत्यापन व कार्रवाई को अंजाम दिया।


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