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मुख्यमंत्री बोले- बेटा पढ़ाई करो… बेटियों की पीड़ा- फसलें बर्बाद हो गई, अब कैसे होगी हमारी पढ़ाई

- मुख्यमंत्री पहुंचे मीठी नाडी, टिड्डी से प्रभावित पीड़ा सुनाते किसानों का दर्द झलका-टिड्डी प्रभावित खेतों में पहुंचे मुख्यमंत्री

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Chief Minister reached locust affected area

Chief Minister reached locust affected area

बाड़मेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को टिड्डी प्रभावित गांवों का जायजा लेने धनाऊ क्षेत्र के मीठीनाडी पहुंचे। यहां खेतों में मौजूद किसानों का दर्द आंखों में झलकता नजर आया। मुख्यमंत्री ने एक खेत में एकत्रित होकर बैठी बालिकाओं से सवाल किया कि बेटा पढ़ाई करती हो क्या? एक बालिका ने जबाव दिया कि मैं जयपुर में एसटीसी कर रही हूं और बहनें यहां सरकारी स्कूलों में पढ़ती है है।

मुख्यमंत्री अचंभित होकर बोले- बेटा पढ़ाई छोडऩा मत तो एक छात्रा बोली कि अब हमारी पढ़ाई कैसे होगी, फसलें तो बर्बाद हो गई। अब पढ़ाई तो क्या पिता के लिए घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता की जरूरत नहीं है, सब कुछ सही होगा। सरकार आपके साथ है।

सीएम ने पूछा- दवाई कहां से खरीदी

मुख्यमंत्री ने टिड्डी प्रभावित तीन खेतों का जायजा लिया। यहां किसान मरी हुई टिड्डियां एकत्रित करके बैठे थे। मुख्यमंत्री ने पूछा कि यह टिड्डियां कैसे मरी है। किसान ने कहा कि दवाई से मारी है। दवाई कहां से लाए थे, इस पर किसान ने कहा कि बाजार से खरीद कर लाया हूं।

5 हजार रुपए खर्च हो गए। इस पर मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टर व पटवारी को दवाई के रुपए दिलाने का कहते हुए कहा कि दवाइयां नि:शुल्क है। किसी भी किसान का दवाई के लिए रुपया भी नहीं लगना चाहिए। मुख्यमंत्री ने किसान का जेब टटोली तो एक भी रुपया नहीं था, किसान बोला- कर्जदार हो गए हैं।

परिवार में बीमारी, कर्ज बन गया आफत

खेत में बैठी महिलाओं ने कहा कि साहब कर्ज लेकर खेत में फसल की बुवाई की थी। सोचा फसल होगी तो एक साल आराम से निकल जाएगा। लेकिन टिड्डी हमले ने फसलें चौपट कर दी है। टिड्डी हमले के कारण परिवार के सदस्य बीमार हो गए।

कोई नहीं आया सुध के लिए

किसानों ने बताया कि टिड्डियोंं का लंबे समय से हमला चल रहा है। खेत पूरे बर्बाद हो गए। प्रशासनिक स्तर पर टिड्डी नियंत्रण को लेकर कोई प्रयास नहीं हुए। ऐसी स्थिति में किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई।

विद्युत बिल कैसे भरेंगे?

किसानों ने कहा कि फसलें पूरी तरह चौपट हो गई। बिजली के बिल आ गए हैं। अब बिल कैसे चुकाएं। इसके लिए कोई समाधान निकाला जाए। किसानों ने कहा कि डिस्कॉम कनेक्शन काट देगा, आप कुछ करिए।


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