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चीन की गिद्ध दृष्टि सिवाना के खजाने के पत्थर पर तो नहीं

सिवाना के जिस पत्थर की चीन में मांग है दरअसल वह रेअर अर्थ के खजाने के पास की पहाड़ियों का ही है।

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China's vulture sight is not on the treasure stone of Siwana

China's vulture sight is not on the treasure stone of Siwana

बाड़मेर। सिवाना के जिस पत्थर की चीन में मांग है दरअसल वह रेअर अर्थ के खजाने के पास की पहाड़ियों का ही है। हालांकि खनिज विभाग का दावा है कि रेअर अर्थ के खजाने वाले इलाके में कोई खनन लीज नहीं है और यहां के पत्थर की खुदाई भी नहीं हो रही है लेकिन इसी श्रृंखला की पहाड़ियों से जा चीन जा रहे पत्थर को लेकर असमंजश अभी भी बना हुआ है।

2010 में सिवाना क्षेत्र के राखी, कमठाई, दांता, लंगेरा, फूलन और डंडाली में रेअर अर्थ (दुर्लभ खनिज) के खजाने की पुष्टि हुई। इसमें यूरेनियम के भण्डार है। 2015 में कर्नाटक की पीएमसीएल कंपनी की ने यहां काम किया और इसके प्रमाणों की पुष्टि कर दी। भारत सरकार के जीआलोजिक सर्वे में भी यह स्पष्ट होने के बाद केन्द्र सरकार के पास खनन व खोज के लिए मामला गया और वहीं अटक कर रह गया।

17 प्रकार के दुर्लभ खनिज
गैलेनियम, रूबीडियम, इप्रीयम, थोरियम, यूरेनियम, जमेजि़्नयम, सीरियम, टिलूरियम सहित करीब 17 प्रकार के दुर्लभ खनिज मौजूद है।

यहां आते है काम
अंतरिक्ष क्षेत्र, सौर ऊर्जा, सामरिक, केमिकल इंडस्ट्री, सुपर कंडक्टर, हाई प्लास, मैग्रेट, इलेक्टोनियम, पॉलिसिंग, ऑयल रिफाइनरी, हाइब्रेड सहित कई जगह काम में आते है।

विश्व में कहां-कहां
97 प्रतिशत चीन में इसके अलावा आस्ट्रेलिया, ब्राजिल, भारत, अमेरिका, मलेशिया और भारत में। भारत में अभी 2.5 प्रतिशत है जो केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में है।

सिवाना से जा रहा है पत्थर
सिवाना की पहाड़ियों से कांडला बंदरगाह के जरिए जा रहा पत्थर भी इसी श्रृंखला से जुड़ा हुआ है। यहां निकटवर्ती इलाके में दी गई खनिज की चार पांच लीज से ही पत्थर कांडला बंदरगाह पहुंचता है और वहां से चीन जा रहा है।

खजाना सुरक्षित है
जहां रेअर अर्थ का खजाना मिला है वह स्थान सुरक्षित है और अन्य जगह पर जहां लीज दी हुई है वहीं से पत्थर जा रहा है। रेअर अर्थ क्षेत्र में कोई लीज नहीं है।
- गोवर्धननराम, खनि अभियंता