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2022 : हेरोइन, डोडा, अफीम का दूध, गांजा, स्मैक, एमडी, पिस्टल…सब कुछ मिला बाड़मेर में

अपराध-औद्योगिकीकरण व विकास की रफ्तार के साथ अपराध की स्पीड भी चरम पर

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मादक पदार्थ व अवैध हथियार चुनौती : पुलिस अधीक्षक

मादक पदार्थ व अवैध हथियार चुनौती : पुलिस अधीक्षक

वर्ष 2022 का आज आखिरी दिन है। पुलिस ने शुक्रवार को इस वर्ष का बाड़मेर जिले में अपराध का लेखा-जोखा जारी किया है, जो कहने को तो बीते हुए कल का ब्यौरा व पुलिस की सफलता की कहानी है, लेकिन असल में यह आने वाले कल की खौफनाक तस्वीर को बयां करता हुआ अनचाहा सच है। आंकड़े बयां करते हैं कि अपराध के दलदल में फंस चुके युवाओं ने हेरोइन, डोडा पोस्त, अफीम का दूध, गांजा, स्मैक, एमडी, पिस्टल व देसी कट्टों को अपना भविष्य समझ कर खुद को गहरे अंधेरे में धकेल दिया है।कुल मिला कर वर्ष 2022 में यह सब बाड़मेर की सरजमीं पर शहर से लेकर गांव ढाणी तक बरामद हुआ है। नए वर्ष 2023 में नए संकल्प के साथ इस तस्वीर को बदलने की जरूरत है।

ऐसा है 2022 का डरावना सच

हेरोइन-15 किलो 188 ग्राम

डोडा पोस्त- 3814 किलो 550 ग्राम

अफीम का दूध- 29 किलो 997 ग्राम

अफीम के पौधे- 1107

अफीम- 3 किलो 210 ग्राम

गांजा- 4 किलो 380 ग्राम

एमडी-791 ग्राम

टर्माडोल टेबलेट- 359

टर्माडोल इंजेक्शन- 124

(इन सभी मामलों में 127 प्रकरण दर्ज कर 166 जने गिरफ्तार किए गए।)

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59 पिस्टल व 23 तलवारें

पुलिस ने वर्ष भर में 59 पिस्टल, 14 देसी कट्टे, 7 टोपीदार बंदूक, 225 कारतूस व 23 तलवारें बरामद कर 96 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं आर्म्स एक्ट में कुल 79 प्रकरण दर्ज किए गए।

शराब तस्करी भी कम नहीं

पुलिस ने वर्ष भर में शराब तस्करी के 367 प्रकरण दर्ज कर 374 जनों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 4290 बोतल अंग्रेजी शराब, 5074 बोतल देसी शराब, 2712 बोतल बीयर व 306 बोतल हथकढ़ शराब बरामद की।

मादक पदार्थ व अवैध हथियार चुनौती : पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने प्रेस वार्ता में कहा कि मादक पदार्थ व अवैध हथियार बाड़मेर के लिए बड़ी चुनौती हैं। जिले की पुलिस ने इस चुनौती से निपटने के लिए वर्ष पर्यन्त पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय की ओर से समय-समय पर मिले दिशानिर्देशों की पालना की। भारतीय दंड संहिता, लोकल एक्ट व स्पेशल एक्ट में निरंतर कार्रवाई की गई। महिला अत्याचार, अनुसूचित जाति व जनजाति एक्ट के मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण किया गया। एसपी ने बताया कि वर्ष भर में हत्या 43 मामले दर्ज हुए, जिनमें से सभी मामलों का खुलासा करने में कामयाबी मिली। वहीं लूट की अधिकतर वारदातों का खुलासा किया गया।


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