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पापा के साथ बेटियां पहुंची कार्यालय, जाना कामकाज

बिटिया इन ऑफिस कार्यक्रम

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पापा के साथ बेटियां पहुंची कार्यालय, जाना कामकाज

पापा के साथ बेटियां पहुंची कार्यालय, जाना कामकाज

बालोतरा.
बेटियों को बचाने, इन्हें पढ़ाने व आगे बढ़ाने को लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से सामाजिक सरोकार के तहत बिटिया इन ऑफिस कार्यक्रम हुआ। बेटियों ने अपने पिता के कार्य स्थलों पर पहुंच उनके काम को देखा और समझा। पत्रिका के इस अभियान पर सोमवार को शहर के कई कार्यालयों, दुकानों, ऑफिसों में बेटियां पहुंची। उन्होंने घंटों यहां बीता पिता के कार्य को अच्छी तरह देखा व समझा।

नाम- जशोदा गौड़
पिता का नाम- सवाईसिंह गौड़

कक्षा-चौथी
व्यवसाय- पंक्चर दुकान

अनुभव- घर से स्कूल में ही अधिकांश समय बीतता है। थोड़ा बहुत टीवी देखना और खेलना होता है। पापा के बुलाने पर दुकान पहुंची। उन्होंने टायर के पंक्चर होने व इसे ठीक करने की जानकारी दी। मैंने भी हाथ बंटाया। बहुत अच्छा लगा। पापा का काम मेहनत भरा है।
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नाम- रक्षा सैन
पिता का नाम- सुभाषचन्द्र सैन

कक्षा- 9 वीं
व्यवसाय- जनरल स्टोर

अनुभव- घर के काम व पढ़ाई के बीच अन्य समय कम ही मिलता है। पारिवारिक,सामाजिक कार्यों के अलावा बाहर नहीं जाती हूं। मम्मी के कहने पर आज पापा की दुकान पहुंची। सामान बेचने का तरीका समझा। कई वस्तुओं का भाव याद रखना मुश्किल काम हैं। कुछ घंटे यहां बीताकर पापा की मदद की। बहुत अच्छा लगा।
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नाम- संजना सोनी
पिता का नाम-कन्हैयालाल सोनी

कक्षा- स्नातक प्रथम वर्ष
व्यवसाय- इलेेक्ट्रोनिक्स दुकान

अनुभव- पापा की दुकान के आगे से कई बार गुजरी, लेकिन कभी अंदर नहीं गई। पापा के बुलावे पर आज पहली बार दुकान पहुंची। पापा ने इलेक्ट्रोनिक सामान के काम करने, इन्हें मरम्मत करने की विस्तार से जानकारी दी। मरम्मत का काम बड़ा जटिल होता है, यह महसूस किया। घंटों का समय कब बीत गया पता नहीं चला।
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नाम- चार्विन जांगिड़
पिता का नाम- विनय जांगिड़

कक्षा- चौथी
व्यवसाय- लकड़ी कारोबार

अनुभव- पापा-मम्मी के साथ घूमने बाहर खूब जाती हूं। लेकिन पापा के कहने पर आज उनके ऑफिस पहुंची। पापा के विभिन्न प्रकार की लकडिय़ों, इनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आरा मशीन संचालन के बारे में बताया। बहुत अच्छा लगा।
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नाम- रिद्धि अग्रवाल
पिता का नाम- कमलेश अग्रवाल

कक्षा- पांचवीं
व्यवसाय- कलर कारोबारी

अनुभव- पापा के कहने पर उनके साथ कार्यालय गई। जहां पर पापा ने कपड़ा उद्योग में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के रंगों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद पापा ने कम्प्यूटर के माध्यम से कई प्रकार रंगों के बारे में भी जानकारी दी। पापा के साथ आकर बहुत अच्छा महसूस कर रही है।