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संसद में उठी बाड़मेर, नागौर व जोधपुर में सिंचित क्षेत्र विकसित की मांग, मंत्री शेखावत ने दिया जवाब

-नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाया संसद में मामला, मंत्री शेखावत ने दिया जवाब  

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MP Hanuman beniwal

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बाड़मेर. नागौर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रश्नकाल में बाड़मेर, नागौर व जोधपुर जिले के किसानों के प्रत्येक खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना पर सवाल पूछे। सांसद ने सदन में कहा कि राजस्थान के कुल सिंचित क्षेत्र में से 64 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र कुओं और नलकूप पर निर्भर है। जबकि मात्र 33 प्रतिशत ही नहरों से सिंचित हो पाता है जो केवल जैसलेमर, बीकानेर, गंगानगर व हनुमानगढ़ तक सीमित है।


सांसद ने पूछा कि आइएसबीआइजी सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से बाड़मेर, नागौर व जोधपुर जिले में प्रत्येक खेत तक कब तक और कितने क्षेत्र को सिंचित किया जाएगा। जवाब में मंत्री ने बताया कि पीएम सिंचाई योजना सहित अन्य योजनाओं के प्रस्ताव भेजना राज्य सरकार का विषय है। इसलिए सरकार प्रस्ताव भेजती है तो उस पर विचार किया जाएगा।

सीएसआर फंड का कंपनियां कर रही दुरुपयोग
शून्यकाल में सांसद बेनीवाल ने वित्त मंत्री, पेट्रोलियम मंत्री तथा भारी उद्योग मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि तेल गैस तथा ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत कंपनियां कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत स्थानीय क्षेत्र के विकास में व्यय की जाने वाली राशि में लापरवाही बरती है। उन्होंने बाड़मेर जिले के बायतु क्षेत्र के छीतर का पार गांव में तेल से 95 हजार करोड़ का राजस्व सरकार को दिया लेकिन वो गांव विकास को तरस रहे हैं।

उन्होंने गुड़ामालानी के राजेश्वरी टर्मिनल का हवाला देते हुए कहा कि देश के जिस गांव में देश की कुल 25 प्रतिशत गैस निकलती हो उस गांव की आधी आबादी के पास गैस के चूल्हे नही हैं। सांसद बेनीवाल ने केयर्न एनर्जी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कंपनी की सीएसआर फंड की राशि भी अन्य कंपनियों की तरह कुछ दलालों के माध्यम से कागजी विकास में खर्च की जाती है। उन्होंने केंद्र से उक्त कंपनियों के व्यय किए गए सीएसआर फंड की जांच करवाने की मांग की।


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