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शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था, सांस लेना हुआ दूभर

- दोपहर तक मुख्य मार्गों व बाजारों से हटाया जाता है एकत्रित कचरा- शहर का सौन्दर्यकरण प्रभावित, छवि हो रही धूमिल

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शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था, सांस लेना हुआ दूभर

शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था, सांस लेना हुआ दूभर

बालोतरा.
शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था के चलते प्रदूषित माहौल पर रहवासियों का स्वच्छ सांस लेना दूभर हो गया है, प्रभावित सौन्दर्यकरण से शहर की छवि धूमि हो रही है। नगर परिषद के बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर ध्यान नहीं देने से आमजन में रोष है।

नगर में सफाई कर्मियों का काम चलाऊ रवैया व नगर परिषद प्रशासन की सफाई कार्य की मॉनिटरिंग सही नहीं करने से सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। सफाईकर्मी आधी अधूरी सफाई कर व एकत्रित कचरे को किसी कोने में डाल चलते बनते हैं। इसके बाद ट्रैक्टर से कचरा उठाने वाले सफाईकर्मी आधा दिन तक शहर के मार्गों व बाजारों से कचरा नहीं उठाते हैं। सुबह के निकाले कचरे के चार से पांच घंटे तक नहीं उठाने पर माहौल प्रदूषित होता है। इस पर आस पड़ोस के लोगों, मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों के लिए सांस लेना दूभर हो जाता है। ये नाक सिकोड़ कर गुजरते हैं।

सौंदर्यकरण भी हो रहा प्रभावित- शहर में दोपहर तक जगह जगह कचरे के लगे रहने वाले ढेर से सौन्दर्यकरण भी प्रभावित होता है। इससे शहर की छवि धूमिल होती है। लंबे समय से शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर हर दिन शहरवासी परेशानी उठाते हंै। परेशान लोगों के नगर परिषद को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद अधिकारी आंखें मंूद बैठे हैं। इससे आमजन में रोष है।

इधर,बायपास के नीचे अवैध पेयजल लाइन का जाल, वाहन चालकों के लिए बना जी का जंजाल

- धंस रहे भारी वाहन
- अवैध पाइप लाइनें हटाई नहीं, करोड़ों रुपयों पर फिर फिरेगा पानी

बालोतरा. इसे सरकारी काम काज का तरीका माने या फिर बेपरवाही, जिसके चलते करोड़ों रुपए की बायपास सड़क बनने से पहले ही हादसों का सबब बन रही है। यहां आनन-फानन में निर्माण का करवाया जा रहा है, लेकिन इस बायपास के नीचे बिछी पेयजल लाइनों को दुरुस्त नहीं किया जा रहा, जिसके चलते सड़क खोखली हो रही है और वाहन धंस रहे हैं। अभी से यह स्थिति है तो फिर सड़क बनने के बाद क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है।

नगर की यातायात समस्या के समाधान को लेकर 15 वर्ष पूर्व नगर परिषद ने क्षत्रियों का मोर्चा से रेलवे तीसरी फाटक तक बायपास का निर्माण करवाया था। यह बायपास अवैध पेयजल लाइनों को छ़ुपाने का जरिया बन गया। इस बायपास के नीचे जल माफियों से एक दर्जन से अधिक पेयजल लाइनें बिछा रखी हैं। जल माफिया बिठूजा से बालोतरा तक पेयजल लाइन बिछा, बायपास पर बने टांकों में पानी छोड़ यहां से कारखानों में पानी की आपूर्ति करते हैं। वर्षों पहले इनके घटिया किस्म की बिछाई अवैध पाइप लाइनों के सड़-गलने व टूटने से पानी लीकेज हो रहा है। बड़ी मात्रा में पानी के लीकेज होने व सड़क के नीचे की मिट्टी के बहने से बायपास जगह-जगह से क्षतिग्रस्त व खोखला हो गया है। मार्ग से भारी वाहनों के गुजरने पर यह धंस जाता है। शनिवार को भी बायपास पर एक ट्रक खोखले भाग में धंस गया। इस पर इसे बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया। इससे प्रभावित आवागमन पर राहगीरों, वाहन चालकों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी।