17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बच्चे को दवा पिलानी है तो साथ ले जाने होंगे चम्मच और कटोरी

-1 से 3 साल तक के बच्चों के लिए अलग-अलग चम्मच और कटोरी जरूरी-आंगनबाड़ी पर 5-11 अक्टूबर तक चलेगा कृमि मुक्ति कार्यक्रम-कोरोना महामारी से बचाव के चलते निर्देश

2 min read
Google source verification
बच्चे को दवा पिलानी है तो साथ ले जाने होंगे चम्मच और कटोरी

बच्चे को दवा पिलानी है तो साथ ले जाने होंगे चम्मच और कटोरी

बाड़मेर. कृमि मुक्ति दवा लेने के लिए इस बार अभियान में छोटे बच्चे (1 से 3 साल) अपने साथ घर से कटोरी व दो चम्मच साथ लेकर आएंगे। कोविड-19 महामारी के कारण बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए यह व्यवस्था की गई है। प्रत्येक छोटे बच्चे के अभिभावक आंगनबाड़ी या स्वास्थ्य केंद्र पर दवा दिलाने के दौरान चम्मच और कटोरी साथ लाएंगे।
छोटे बच्चे कोविड महामारी के हाईरिस्क ग्रुप में शामिल है। संक्रमण का खतरा ज्यादा होने की स्थिति में चिकित्सा विभाग अभियान के दौरान पूरी सतर्कता बरत रहा है। कृमि मुक्ति दवा (एल्बेंडाजोल) 1-19 साल तक के बच्चों को दी जाएगी। इसमें विशेष रूप से 1-3 साल के बच्चों पर विशेष फोकस किया गया है कि वे किसी भी तरह के संक्रमण का शिकार न हो जाएं।
इसलिए है चम्मच और कटोरी की जरूरत
कृमि मुक्ति दवा बड़ी टेबलेट के रूप में आती है। इस दवा को किसी और वस्तु से तोडऩे और पीसने की मनाही है। इसलिए इसे एक कटोरी में रखकर चम्मच से पीसने के बाद पानी मिलाकर छोटे बच्चों को देनी है।
यहां दी जाएगी दवा
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की आंगनबाड़ी, उप स्वास्थ्य केंद्र, शहरी क्षेत्र की पीएचसी पर एल्बेंडाजोल की खुराक दी जाएगी। यह दवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एनएनएम बच्चों को देंगी।
केंद्रों पर बनाए जाएंगे गोले
दवा देने के दौरान संबंधित केंद्र पर कोविड महामारी में सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए 6-6 फीट की दूरी पर गोले बनाए जाएंगे। यहां पर दवा लेने वालों को खड़ा करना होगा। बच्चों को केंद्र तक लाने के लिए प्रेरित भी करना होगा।
कंटेनमेंट जोन के बच्चे नहीं जा सकेंगे केंद्र
कोविड महामारी के कारण घोषित कंटेनमेंट जोन के बच्चे अभियान में दवा नहीं ले सकेंगे। वहीं ऐसे क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व कोविड कार्य में संलग्न एएनएम की भी दवा वितरण के दौरान ड्यूटी नहीं लागाई जाएगी।
इसलिए जरूरी है दवा की डोज
कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, बौद्धिक स्तर पर भी हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। निश्चित समय के अंतराल से कृमि मुक्त (डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण को रोका जा सकता है। जिससे बच्चे का अच्छे से विकास होता है।
5 से 11 अक्टूबर तक चलेगा कार्यक्रम
कृमिनाशक दवा के वितरण के लिए 5 से 11 अक्टूबर तक सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसी अनुसार कृमि नाशक दवा वितरण कार्यक्रम को संपन्न करवाना है।