उप तहसील कार्यालय में हर दिन लोग पुराने रिकार्ड की नकलें लेने, रहन मुक्ति का आदेश लेने, कृषि भूमि का बंटवारा करने, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की सुनवाई के लिए पहुंचते हैं। वहीं उप पंजीयक कार्यालय में जमीन खरीद- फरोख्त की रजिस्ट्री करवाने, नगर परिषद व क्षेत्र की करीब 15 से अधिक ग्राम पंचायतों के जारी किए पट्टों का पंजीयन करवाने के लिए लोग पहुंचते हंै। एक अनुमान के तौर पर प्रतिदिन 250 से 300 लोग कामकाज के लिए यहां पहुंचते हैं। दोनों ही कार्यालयों में करीब एक दर्जन अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त हैं। इन कार्यालयों तक बनी ग्रेवल सड़क पर आवागमन में इन्हें अधिक परेशानी उठानी पड़ती है।
न सड़क, न रोडलाइट भैरव सर्किल के समीप दो महत्वपूर्ण कार्यालय ढाईसे तीन वर्ष संचालित हो रहे हैं। सर्किल से इनकी दूरी करीब 1000 फीट है। लेकिन ग्रेवल सड़क बनाकर इस पर डामरीकरण नहीं किया गया। वर्षासे मिट्टी बहने पर निकले पत्थर राहगीरों के लिए बड़ी परेशानी बने हुए हैं। मार्गमें जगह जगह खड़े विद्युत पोल राह में रोड़ा बने हुए हैं। इन पर रोडलाइट नहीं लगाई गई है। इस पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। कार्यालयों में कामकाज की अधिकतता पर देरी से घर लौटने को लेकर कार्मिकों व आमजन को परेशानी उठानी पड़ती है।
शीघ्र करवाएं डामरीकरण मार्गके अभाव में परेशानी होती है। सरकार शीघ्र डामरीकृत सड़क बनाए। – पूनमाराम, ग्रामीण
लाखों का भवन बना कर सड़क नहीं बनाना सही नहीं है। हर दिन लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
लाखों का भवन बना कर सड़क नहीं बनाना सही नहीं है। हर दिन लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
– गोकाराम चौधरी कामकाज से सैकड़ों जने कार्यालय आते है। सड़क व रोडलाइट्स नहीं होने पर परेशानी होती है। – किशनलाल मीणा, नायब तहसीलदार जसोल