
Do not solve problem tell officer or to minister
बाड़मेर. जनसुनवाई चाहे किसी की भी हो,अधिकांश पीडि़त वही होते हैं जो हर ऐसी सुनवाई मे नजर आते हैं। सर्किट हाउस में संसदीय सचिव की जनसुनवाई में कुछ ऐसा ही नजर आ रहा था। जिनकी पीड़ा पिछले दिनों हुई जिला स्तरीय जनसुनवाई में नहीं सुनी गई वे गुरुवार को यहां पहुंच गए। कुछ तो ऐसे भी थे जो बता रहे थे कि 'साबÓ एक अधिकारी के पास जाते हैं तो दूसरे के पास भेज देते हैं, ऐसे में समस्या का समाधान हो ही नहीं रहा है।
संसदीय सचिव भैराराम सियोल की जनसुनवाई सुबह 10 बजे करीब शुरू हुई। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक आमजन की समस्याएं सुनीं। अधिकांश लोग पानी, बिजली, अतिक्रमण की समस्या लेकर पहुंचे। जिनको समस्या समाधान के लिए आश्वास्त किया गया। यहां अधिकांश पीड़ा बताने वाले ऐसे ही लोग थे, जिनकी समस्याएं लंबे समय से सुलझ नहीं रही थी। उनका कहना था कि सभी स्तर के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मंत्री तक को समस्या बता चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।
घेर कर खड़े हो गए फरियादी
सर्किट हाउस में जनसुनवाई के दौरान फरियादी संसदीय सचिव को घेर कर खड़े थे। पुलिस की माकूल व्यवस्था नहीं होने के कारण लाइन बनाने वाला भी कोई नहीं था। जो भी आ रहा था, वह भीड़ में शामिल हो गया। इससे देरी से आने वाले अपनी शिकायत पहले बता गए, वहीं पहले आया फरियादी इंतजार ही करता रहा।
अरे भाई कोई रह तो नहीं गया
जनसुनवाई के बाद जब संसदीय सचिव जाने लगे तो बोले की अरे भाई कोई शिकायत देने से रह तो नहीं गया है, अगर कोई बाकी है तो अपनी समस्या बता दे। इसके बाद वहां से रवाना होते समय सर्किट हाउस के मैनेजर को बुलाकर हिदायत दी कि कोई फरियादी आए तो उससे ज्ञापन लेकर उन्हें पहुंचाने की व्यवस्था करें।
ज्ञापन सौंपे, बताई समस्या
कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को खाद्य सुरक्षा के तहत राशन सामग्री दिलाने की मांग की। उन्होंने अजा जजा व अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा का आग्रह किया।

Published on:
07 Oct 2017 01:20 am
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