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ई डिटेक्शन सिस्टम: हाईवे पर गाड़ी खड़ी होते ही परिवहन विभाग निकाल रहा कुण्डली, टोल पर कट रहे चालान

परिवहन विभाग की ओर से टोल प्लाजा पर अब ई डिटेक्शन सिस्टम के जरिए वाहनों की कुण्डली निकाली जा रही है। वाहन का फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट, आरसी से संबंधित बकाया होते ही जुर्माना वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर निकाला जा रहा है।

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Toll Plaza (Image: Patrika)

बाड़मेर। परिवहन विभाग की ओर से टोल प्लाजा पर अब ई डिटेक्शन सिस्टम के जरिए वाहनों की कुण्डली निकाली जा रही है। वाहन का फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट, आरसी से संबंधित बकाया होते ही जुर्माना वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर निकाला जा रहा है। जुर्माने का चालन वाहनधारक को मिल रहा है। टोल प्लाजा पर पहुंचने वाले वाहन टोल की पर्ची लेते हैं, इतनी देर में हाई डेफिनैशन कैमरे वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर रहे हैं। नंबर प्लेट स्कैन होते ही परिवहन विभाग के सर्वर पर सूचना पहुंच जाती है। परिवहन विभाग का सर्वर इन वाहनों के बकाया की जानकारी निकालकर वाहन चालक को इसका चालान भेज रहे हैं। बाड़मेर के सभी टोल प्लाजा से एक हजार के करीब वाहनों को यह चालान थमाने की जानकारी है।

यह ट्रायल, फिर रैगुलर होगा

प्रदेश में फिलहाल इसको ट्रायल के रूप में लागू किया गया है। यह पूर्णतया सफल रहा तो भविष्य में इस प्रणाली को और ज्यादा मजबूत किया जाएगा। इससे वाहनों के बकाया टैक्स को लेकर परिवहन विभाग को ज्यादा माथा पच्ची नहीं करनी पड़ेगी। सरकारी और नियमित टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का आसानी से बकाया हर महीने जमा होने की स्थिति हो जाएगी।

विभाग का घटेगा भार

परिवहन विभाग के परिवहन निरीक्षकों को अभी वाहनों की जांच के लिए लगना पड़ता है। कार्यालय के काम के अलावा प्रतिदिन तीन से चार घंटे तक दिन में या रात में परिवहन विभाग के निरीक्षक मुय सडक़ों पर मौजूद रहकर चालान काटने की कार्रवाई करते हैं। इसमें समय ज्यादा लगता है। टोल पर यह कार्य होते ही इनका भार कम हो जाएगा।

सिफारिश न कोई जोर

फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट, आरसी, बीमा, ओवरलोडिंग और अवैध सामान के परिवहन से संबंधित दस्तावेजों पूरे नहीं होने पर परिवहन विभाग की निरीक्षक की ओर से चालान काटने पर दबाव व प्रभाव का इस्तेमाल करवाया जाता है। इस नए सिस्टम से अब सीधा चालान जाने से सिफारिश और जोर भी नहीं चलेगा। तत्काल चालान नहीं कटे इसके लिए कई बार जांच करने वालों की जेब गर्म करने के मामले भी सामने आए है। इन पर भी अंकुश लगने की स्थिति बनेगी।

योजना लागू की है

यह योजना फिलहाल ट्रायल के तौर पर लागू की है। रिजल्ट आने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे परिवहन विभाग पर कार्य का लोड कम होगा तो समय पर विभिन्न राशि का भुगतान हो जाएगा।

मेघराज , परिवहन निरीक्षक


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