
सरकार तो छात्रवृत्ति दे रही है लेकिन छात्र है कि आवेदन ही नहीं कर रहे फिर फायदा मिले भी तो कैसे? यह िस्थति नेशनल मीन्स कम मेरिट छात्रवृ त्ति एनएमएमएस को लेकर है। हालांकि विद्या र्थियों के आवेदन करवाने का जिम्मा संस्था प्रधानों का है तो मॉनिटरिंग की जिम्मेदार सीबीईओ की है। ऐसे में अ धिकारियों की जिम्मेदारी व मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होने से जिले के 161 होनहार बच्चे बारह हजार की छात्रवृ त्ति से वंचित रह चुके हैं, क्योंकि आवेदन की अंतिम ति थि 31 जनवरी जा चुकी है।
आठवीं के बच्चे कर सकते आवेदन
महाराष्ट्र राज्य शिक्षा परिषद पुणे की ओर से एनएमएमएस आ र्थिक दृ ष्टि से पिछड़े हुए बच्चों के लिए करवाई जाती है। इसके लिए सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत आठवीं के बच्चे आवेदन कर सकते हैं। 55 फीसदी अंक होने की अनिवार्यता होती है। वहीं, अजा, अजजा वर्ग के बच्चों के लिए 50 फीसदी अंक होना जरूरी है। आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा होती है जिसमें हर प्रदेश का कोटा है। राजस्थान से 5471 बच्चों का चयन होता है। इन चयनित बच्चों को परिषद की ओर से चार साल तक बारह-बारह हजार रुपए की छात्रवृ त्ति दी जाती है। सरकार विद्यालयों में पढ़ाई के दौरान हर साल 1200 मिलते हैं जिसके लिए आवेदन करना होता है लेकिन जिले में 442 होनहार बच्चों में से 161 आवेदन करने से ही वंचित है। इसमें से 136 ने तो आवेदन ही नहीं किया जबकि 25 के आवेदन संस्था प्रधानों ने एप्रुफ नहीं किए जिस पर वे आवेदन करने के बावजूद वंचित रह गए।
आ खिरी तारीख निकली- एनएमएमएस के लिए आवेदन की अंतिम ति थि संस्थागत स्तर पर 31 जनवरी निर्धारित की हुई थी। अंतिम ति थि तक आवेदन नहीं होने या पेडिंग रहने से अब इन बच्चों को छात्रवृ त्ति मिलने पर संशय जताया जा रहा है।
ऐसे मिलती है छात्रवृ त्ति- परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नवीं में आवेदन होता है। नवीं में आवेदन करने वाले नवउत्तीर्ण होते हैं जबकि दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं में पढ़ने वाले बच्चों को भी हर साल नवीनीकरण करवाना होता है जिसके बाद इनको 12 हजार रुपए मिलते हैं। ऐसे में एनएमएमएस में चयनित बच्चे को चार साल में 48000 रुपए का लाभ मिलता है।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान- गौरतलब है कि आठवीं उत्तीर्ण करने वाले बच्चों को ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पता नहीं होती है, ऐसे में संबं धित स्कूल के संस्था प्रधान की जिम्मेदारी होती है कि वह होनहार का आवेदन करवा संस्था स्तर से स्वीकृत करवा जिला शिक्षा अ धिकारी कार्यालय को भिजवाएं। वहीं, सीबीईओ को भी प्रभावी मॉनिटरिंग करनी होती है।
रह गए वंचित, अब अंतिम ति थि बढ़ेगी तो ही फायदा- जिले में एनएमएमएस योजना से चयनित बच्चे वंचित रह गए हैं। काफी बच्चों के आवेदन नहीं हुए तो कुछ संस्था स्तर पर अटक गए। ऐसे में ये बच्चे वंचित रह गए हैं। अब अंतिम ति थि बढ़ती है तो ही फायदा मिलेगा। -जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा मुख्यालय बाड़मेर
Published on:
06 Feb 2024 12:14 am
बड़ी खबरें
View Allबाड़मेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
