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उजड़ गया पूरा परिवार: माता-पिता और बेटे का एक साथ होगा अंतिम संस्कार, ऑपरेशन करवाकर बाड़मेर लौटते वक्त कार के उड़े परखच्चे

3 Died In Rajasthan Road Accident: माता-पिता और बेटे की एक साथ मौत के बाद अब परिवार में अरुण की पत्नी और दो बच्चों का सहारा ही शेष रह गया है।

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फोटो : पत्रिका

Bus-Car Collision In Balotra Accident: बालोतरा जिले के बांगुड़ी के पास मंगलवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने एक ही परिवार से 3 जनों की जिंदगियां छीन ली। बालोतरा शहर के वार्ड नंबर 24 निवासी सिंधी समाज के गोविंदराम (72) पुत्र जानीमल सिंधी, उनकी पत्नी पार्वती (65) और पुत्र अरुण कुमार (45) की मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरा समाज गमगीन है। मोहल्ले में हर कोई स्तब्ध है, क्योंकि एक पल में परिवार की खुशियां मातम में बदल गई। तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार होगा।

फल व्यवसाय से जुड़े थे गोविंदराम

जानकारी के अनुसार गोविंदराम का बालोतरा सब्जी मंडी में फल का व्यापार था। उनके परिवार में 3 बेटियां और एक बेटा था। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि बेटा अरुण कुमार माता-पिता के साथ रहते थे। अरुण के दो बच्चे हैं। 17 वर्षीय बेटा बैंगलोर में पढ़ाई कर रहा है और बेटी बालोतरा में कक्षा 9 की छात्रा है। माता-पिता और बेटे की एक साथ मौत के बाद अब परिवार में अरुण की पत्नी और दो बच्चों का सहारा ही शेष रह गया है। परिवार पर अचानक टूटा यह दुख पूरे समाज को व्यथित कर गया है।

पिता का ऑपरेशन करवाकर लौट रहे थे

योगेश सोनी ने बताया कि गोविंदराम हर्निया की समस्या से पीड़ित थे। इसी कारण वे अपनी पत्नी पार्वती और बेटे अरुण कुमार के साथ बाड़मेर ऑपरेशन करवाने गए थे। मंगलवार को ऑपरेशन के बाद तीनों कार से बालोतरा लौट रहे थे। कार अरुण कुमार चला रहे थे।

उनके साथ आगे की सीट पर विनोद आसवानी पुत्र जीवनलाल बैठे थे जबकि पीछे गोविंदराम और पार्वती बैठे थे। बांगुड़ी के पास निजी बस से भिड़ंत में कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही गोविंदराम, पार्वती और अरुण कुमार की मौत हो गई। वहीं विनोद आसवानी गंभीर घायल हुए जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।

पूरा परिवार उजड़ गया

सिंधी समाज के लोगों ने बताया कि गोविंदराम परिवार के आधार स्तंभ थे। अब उनके साथ पत्नी और इकलौते बेटे की मौत ने परिवार को पूरी तरह बिखेर दिया है। अरुण की असमय मौत से उनकी पत्नी, बेटा और बेटी अकेले रह गए हैं। समाज के लोग भी इस त्रासदी से बेहद दुखी हैं और हर किसी की जुबां पर बस यही है कि ईश्वर किसी भी परिवार को ऐसा काला दिन न दिखाए। वहीं यह हादसा बालोतरा शहर के लिए गहरे दुख की घटना बन गया है।


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