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महिला महाविद्यालय में रविवार को सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित यातायात नियमों की परीक्षा देने पहुंची छात्राएं निमयों का उल्लघंन कर रही थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उन छात्राओं व महिलाओं से नियमों की परीक्षा दिलवा कर इनाम देने का दावा कर रहे है।
दिव्यांग को भेज दिया वापस
गल्र्स कॉलेज में यातायात नियमों की परीक्षा देने पहुंची दिव्यांग को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। यहां पर दिव्यांग ममता तीन किलोमीटर का सफर साइकिल कर परीक्षा देने समय से 10 मिनट लैट पहुंची।
नियमों का उल्लघंन, परीक्षा देने की हौड़
सड़क पर सुरक्षित वाहन संचालन, यातायात नियमों, संकेतों, चिन्हों एवं मोटरवाहन से संबंधित विषयों आधारित परीक्षा आयोजित हो रही थी। लेकिन यहां पहुंचने वाले परीक्षार्थी नियमों को अनदेखा कर पहुंच रहे है। लेकिन किसी जिम्मेदार का ध्यान उन पर नहीं जा रहा था। वहीं परीक्षा देने वाली महिलाएं स्कूटी पर सवार होकर बिना हेलमेट पहुंचती रही। इस दौरान हौड़ मची रही। इस दौरान 382 परीक्षार्थी महिलाओं ने परीक्षा दी।
यह रहे मौजूद
इस दौरान जिला परिवहन अधिकारी डी.डी.मेघानी, प्राचार्य शिप्रा शाहा, धारा संस्थान के महेश पनपालिया,यातायात निरीक्षक आनंद कुमार, महिला मंडल बाड़मेर आगोर के आदिल भाई, डॉ. बीडी तातेड़, रामकुमार जोशी, सहित पुलिस के कई जवान व अधिकारी मौजूद रहे। इस परीक्षा में प्रथम स्थान पर आने वाली प्रतिभागी को पुरस्कार के रूप में महिला मंडल बाड़मेर आगोर की ओर से स्कूटी एवं द्वितीय को मिनी लेपटॉप तथा तृतीय को सांत्वना पुरस्कार सोमवार को भगवान महावीर टाउन हॉल में आयोजित होने वाले समापन समारोह के दौरान दिए जाएंगे।
यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर अकसर जुर्माना जमा करके वाहन चालक को छोड़ दिया जाता है, लेकिन जिले में यातायात एवं पुलिस विभाग ने अनूठी पहल की है। इसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले चालक को बाकायदा दो घंटे प्रशिक्षण लेना होगा। इसके उपरांत मिलने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर ही वाहन छोडऩे अथवा जुमाने से संबंधित कार्यवाही हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों की काउंसलिंग करने के निदेज़्श दिए थे, उसके तहत बाड़मेर जिले में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत यह शुरूआत की गई है।
Published on:
05 Feb 2017 09:06 pm
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