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पहले क्लेम मिलने की नहीं थी जानकारी, अब समय बीत जाने की चिंता

- अतिवृष्टि से हुए नुकसान के बाद किसान नहीं कर पाए क्लेम, कैसे मिलेगा मुआवजा- टोल फ्री नम्बर पर नहीं लग रहा कॉल

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Farmers were unable to claim after the loss due to excess rainfall

Farmers were unable to claim after the loss due to excess rainfall

गडरारोड. क्षेत्र में 13 नवम्बर को चली बरसात के साथ तेज हवाएं चलने व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ हालांकि खेतों में फसलें खड़ी नहीं थी, लेकिन खलिहान में पड़ी थी, जिस पर बरसात ने पानी फेर दिया।

किसान चिंतित थे कि क्या मुआवजा मिलेगा या नहीं, लेकिन कोई जवाब नहीं देने वाला था। आखिरकार पांच दिन बाद प्रशासन चेता और किसानों को बताया कि सात दिन के भीतर वे व्यक्तिगत तौर पर

बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर जानकारी देंगे तो मुआवजा मिल सकता है। अव्वल तो अधिकांश किसानों को इसका पता ही नहीं पड़ा, जिन्हें जानकारी थी, वे टेलीफोन कर रहे हैं, लेकिन रिसीव ही नहीं हो रहा।

वहीं प्रशासन की ओर से भी जिन कार्मिकों को सूचना देने को कहा गया था, उन्होंने गाइड लाइन की जानकारी नहीं होने का कह कर पल्ला झाड़ लिया। दूसरी ओर इंश्योरेंस कम्पनी के कार्मिक भी सोमवार को पहुंचे, लेकिन सूचना नहीं होने पर किसान नहीं मिल पाए।

गौरतलब है कि नुकसान की जानकारी किसानों ने दूसरे दिन ही तहसील कार्यालय में दे दी थी। इसके बाद नायब तहसीलदार ने मौका मुआवना किया और फर्द बना उच्च अधिकारियों को जानकारी देने की बात कही। दो दिन बाद शनिवार को आसपास के गांवों से किसान गडरारोड पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

16 नवम्बर को उपनिदेशक कृषि विभाग बाड़मेर ने प्रभावित किसानों को सात दिन के भीतर खराबे की जानकारी टोल फ्री नम्बर, पटवारी, तहसीलदार, इन्श्योरेंस अधिकारी को माध्यम से देने को कहा। सोमवार को किसान तहसील कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि तहसीलदान व पटवारी को फसल खराबे की सूचना

लेने की कोई गाइड लाइन ही प्राप्त नहीं हुई है। किसान नेता गोविंदराम चौहान, किसान पूनमाराम भील ने बताया कि सोमवार देर शाम इंश्योरेंस कम्पनी के अधिकारी गडरारोड आने की सूचना मिल, उनसे मिले तो कहा कि दो घंटे में किसानों से शिकायत पत्र लेकर आ जाएं, इस दौरान रात हो गई। एेसे में अर्जियां नहीं दे पाए। अब इस बात की चिंता है कि क्या उन्हें मुआवजा मिलेगा या नहीं।