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बाढ़ ने बिगाड़ा सिस्टम, 11 साल से भुगत रहे ग्रामीण

बाढ़ का दर्द... कवास में 2006 में आई बाढ़ से पेयजल स्रोत हो गए थे क्षतिग्रस्त, मरम्मत नहीं होने से कई हौदियां 11 साल से सूखी

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Flood System, Disturbed System for 11 Years

Flood System, Disturbed System for 11 Years

बायतु. कवास में वर्ष 2006 में बाढ़ आई थी, लेकिन 11 साल बाद भी इस क्षेत्र के ग्रामीण बाढ़ का दर्द झेल रहे हैं। कवास क्षेत्र के माडपुरा बरवाला ग्राम पंचायत में स्थित कई हौदियां बाढ़ की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गई थी। वहीं कुछ हौदियों में पानी की सप्लाई के लिए लगी पाइप लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। 11 साल गुजर जाने के बाद भी न इन हौदियों की मरम्मत हुई है और ना ही पाइप लाइनों को दुरुस्त किया गया है। ऐसे में इन गांवों में पानी की सप्लाई नहीं हो रहे।

माडपुरा बरवाला के निम्बाणियों की ढाणी से जुड़ी जगमाल भांभू की हौदी में गत 11 सालों से पेयजल आपूर्ति नहीं हुई। वर्षों पुरानी इस हौदी में बाढ़ से पूर्व पर्याप्त मात्रा में पानी सप्लाई होती थी, लेकिन बाढ़ के दौरान इस हौदी से जुड़ी लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद जलदाय विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने बार-बार शिकायतें करने पर विभाग ने हौदी के पास बने एक अस्थाई टांके में कनेक्शन जोड़ दिया, जिसमें कुछ समय तक पानी की सप्लाई होती रही। उसके बाद गत एक साल से इस टांके में भी पानी नहीं पहुंच रहा।

इन गांवों में भी यही हाल
माडपुरा बरवाला के गोदारों की ढाणी, मोटाणी सारणों की ढाणी, लाखोणी जाणियों की ढाणी में भी यही हाल है। गोदारों की ढाणी स्थित हौद बाढ़ में बह गया। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कोई हल नहीं निकल पाने से ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।

विभाग बजट पर अटका
कवास में आई बाढ़ को एक दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इन क्षतिग्रस्त हौदियों की मरम्मत करवाने की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है। जलदाय विभाग के अधिकारी मानते हैं कि इन हौदियों व उनसे जुड़ी पाइप लाइन को दुरुस्त करने के लिए उनके पास कोई बजट नहीं है।

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एक दशक से पेयजल संकट

बाढ़ के करीब एक दशक बाद भी हम पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
अचलाराम भांभू, पूर्व सैनिक

...तो मिले राहत
यदि इन हौदियों की पाइप लाइनों की मरम्मत करवा पेयजल आपूर्ति शुरू की जाए तो हजारों ग्रामीणों को राहत मिलेगी। अभी महंगे दामों पर पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।

गेनाराम, ग्रामीण
नहीं पहुंच रहा पानी

बाढ़ के 11 साल बाद भी लाखोणी जांणियों की ढाणी तक पानी नहीं पहुंच पाया है। बाढ़ में पाइप लाइन बह गई थी, जिसे अब तक दुरुस्त नहीं किया गय है।
प्रमिला चौधरी, वार्डपंच

नहीं हो रही कार्रवाई
माडपुरा बरवाला के गोदारों की ढाणी, जगमाल भांभू की हौदी में बाढ़ के बाद से ही पेयजल संकट है। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

सुरताराम सारण, ग्रामीण
भेजेंगे प्रस्ताव

बाढ़ से क्षतिग्रस्त हौदियों व पाइप लाइनों की मरम्मत तथा दुरुस्तीकरण के लिए हम इसी माह प्रस्ताव भिजवाएंगे। बजट स्वीकृत होने के बाद काम शुरू कर देंगे।
नेमाराम बामणिया, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग बायतु