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धर्म का अनुसरण करने से ही जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति

बुड़ीवाड़ा में हुआ सत्संग

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धर्म का अनुसरण करने से ही जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति

धर्म का अनुसरण करने से ही जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति

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बालोतरा.
संसार धर्म पर संचालित होता है। जहां धर्म होता है, वहां सर्वदा सुख, समृद्धि, शांति होती है। मर्यादा रूपी धर्म को जीवन मेें अपनाकर सब सुखों को प्राप्त किया जा सकता है। धर्म का अनुसरण करने से ही जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। रामधाम खेड़ापा के आचार्य पुरुषोत्तम दास महाराज ने गांव बुड़ीवाड़ा के बड़ा रामद्वारा में चार्तुमास उपलक्ष में हुए सत्संग कार्यक्रम में यह बात कही। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संतों, महात्माओंं व श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां आएं, लेकिन धर्म का मार्ग नहीं छोड़ें। अंत में सत्य की जीत होती है। धर्म के मार्ग पर चलकर ही जीवन का कल्याण किया जा सकता है। धर्म में सेवा का बड़ा महत्व है। सेवा का कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। तन-मन- धन से प्राणी मात्र की सेवा करें। संत सही मार्ग पर चलने की सीख देते हैं। माता-पिता, गुरुजनों व संतों का सदैव सम्मान करें। रामधाम खेड़ापा उत्तराधिकारी संत गोविंददास शास्त्री ने कहा कि सम्पूर्ण संसार ईश्वर रचित है। ईश्वर जैसा चाहते हंैं, वैसा ही संसार में होता है। इसलिए मोह-माया से दूर रहें। मनुष्य जीवन के महत्व को समझते हुए दैनिक जीवन में से कुछ समय निकाल कर ईश्वर नाम का स्मरण करें। उन्होंने कहा कि संसार में संत ईश्वर अवतार के रूप होते हंै। संत संसार के कल्याण के लिए बनते हंै, वहीं प्रत्येक व्यक्ति को सही मार्ग दिखाते हैं। इसलिए सदैव संतों का आदर करें। उनके आर्दशों को जीवन में उतारें। संसार में कर्म के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। व्यक्ति जैसा कर्म करता है, वैसा ही उसे फल प्राप्त होता है। इसलिए सदैव अच्छे कर्म करें। इस अवसर पर सुखराम महाराज जोधपुर, बलराम महाराज जोधपुर, मोहनराम महाराज खेड़ापा, सुखदेव महाराज खेड़ापा ने भजनों की प्रस्तुती दी।महाप्रसादी के लाभार्थी धूड़ाराम, नवाराम, कमाराम करड़ बुड़ीवाड़ा ने महाआरती उतार प्रसाद का भोग चढ़ाया। उपस्थित इससे पूर्व रामधाम खेड़ापा के आचार्य पुरुषोत्तम दास महाराज, उत्तराधिकारी संत गोविंददास महाराज के बुड़ीवाड़ा आगमन पर रामद्वारा असाड़ा महंत जुगतीराम महाराज, गिरधारी राम महाराज खेड़ापा, गिरधारीदास महाराज, ग्रामीणों ने सामैया किया। जयकारे व मंगलगीत गाए गए।
ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर सेवाराम महाराज, रूपाराम महाराज, स्वरूपसिंह, पंचाणाराम चौधरी, हेमसिंह महेचा, सांवलराम, वरिंगाराम ओड, मोहनसिंह, भूदराम, पूनमाराम, वजाराम चौधरी असाड़ा, उगमराम मुंडन उण्डू, कुंभाराम सियोल बालोतरा, मंगाराम आडेल, रामलाल जाट उण्डू, आंबसिंह, मोडाराम देवासी, दुर्गाराम, कोलाराम सुथार, नेनाराम, मदरूपाराम,चेलाराम भूरिया, अन्नाराम चौधरी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बड़ारामद्वारा के संत कांशीराम महाराज ने आभार ज्ञापित किया।