
भावना की भगवान ले रहा परीक्षा, दो ऑपरेशन अब होगा तीसरा
दिलीप दवे बाड़मेर. बिशाला गांव की सोलह वर्षीय बालिका भावना की भगवान परीक्षा ले रहा है। पेट दर्द होने पर पिता इलाज के लिए ले गए तो बताया इनफेक्सन है, दवाई ली तो मर्ज बढ़ गया जिस पर दुबारा दिखाया तो पता चला कि आंत में मवाद का भराव है। इसके बाद पिता जोधपुर ले गए जहां दो ऑपरेशन हो चुके हैं अब तीसरा ऑपरेशन होगा।
बीपीएल पिता दो लाख रुपए खर्च कर चुका और अब भी सवा लाख रुपए की दरकार है जिससे कि तीसरा ऑपरेशन करवा बेटी को पैरों पर खड़ा कर सके लेकिन अब प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है। रिश्तेदारी से उधारी लेकर इलाज करवा रहे पिता मगाराम को अब मदद की जरूरत है।
बिशाला.निवासी मगाराम सांसी पुत्री भावना पिछले 3 माह से बिस्तर पर है। तीन माह पहले उसके पेट में दर्द होने पर बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में दिखाय तो चिकित्सकों ने बताया कि इनफेक्सन होने से पेट दर्द हो रहा है। दवाइयां ली तो दर्द कम होने के बजाय बढ़ गया जिस पर पिता मगाराम भावना को लेकर जोधपुर इलाज के लिए ले गया। जहां पता चला कि आंत में मवाद भर जाने से दर्द हो रहा। इस पर मगाराम गांव आया और रिश्तेदारों से रुपए उधार लेकर ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन के बावजूद फर्क नहीं पडऩे पर फिर जोधपुर ले गए जहां दुबारा ऑपरेशन हुआ जिस पर करीब सवा लाख रुपए खर्च हो गए।
दोनों ऑपरेशन पर आने-जाने व रहने के खर्चे व दवाइयों पर दो लाख रुपए खर्च हुए लेकिन भावना को पेट दर्द से राहत नहीं मिली। उसने बिस्तर पकड़ लिया जिसके बाद अब तीसरा ऑपरेशन २० अक्टूबर को होगा। जिस पर करीब एक-सवा लाख रुपए खर्च होंगे हालांकि मगाराम के अनुसार सरकार अस्पताल में दवाई व ऑपरेशन पर ज्यादा खर्च नहीं हो रहे लेकिन बिशाला से जोधपुर बार-बार वाहन किराए पर ले जाने, वहां धर्मशाला या होटल में कमरा किराया पर लेने व खाने-पीने पर ज्यादा खर्चा हो रहा है।
जिसके चलते उनकी जेब पर खर्चा भारी पड़ रहा है। कोरोना में छूटा काम, अब बीमारी पर खर्च- भावना के पिता मगाराम बिशाला में कुछ साल पहले किराना की दुकान व आटा चक्की लगाई जिसके बाद परिवार का गुजारा ढंग से होने लगा।
इस दौरान कोरोना आया तो दुकान बंद रही जिसके बाद परिवार की हालत खस्ता हो गई। अब बेटी भावना की बीमारी ने आर्थिक स्थिति को डांवाडोल कर दिया। मगाराम के अनुसार दो बेटियों की शादी पर खर्चा होने के बाद अब भावना की बीमारी पर रुपए खर्च होने से ऑपरेशन करवाने के लिए रुपए का प्रबंध मुश्किल हो रहा है।
मदद की दरकार- पिछले तीन माह में भावना के इलाज, जोधपुर आने-जाने, वहां ठहरने पर दो लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। परिवार की बचत बीमारी पर खर्च होने के बाद अब तीसरे ऑपरेशन के लिए रुपए की जरूरत है। रिश्तेदारों से रुपए उधार लेकर दो ऑपरेशन करवा लिए अब करीब अस्सी हजार-लाख रुपए की मदद की दरकार है।- मगाराम सांसी, भावना का पिता
Published on:
09 Oct 2021 08:43 pm
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