
महंगा पड़ रहा हाथ मिलाना और गले लगाना
बाड़मेर. शादियों के सीजन के बीच कोरोना भी बाड़मेर में मेहमान बन कर आ चुका है। पिछले कुछ दिनों से शहर में कोरोना मरीज बढ़ते जा रहे हैं, बावजूद इसके शहरवासी है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। अनलॉकडाउन में बेपरवाही चहुंओर नजर आ रही है। खास बात यह है कि न तो पुलिस का सख्त प्रहरा है ना ही प्रशासन की चौकस नजरें। ऐसे में लोग भी बेफिक्री में जी रहे हैं जो किसी दिन भारी पड़ सकती है। स्थिति यह है सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हो रही तो मास्क भी धीरे-धीरे लोगों के चेहरों से गायब हो रहा है।
सीमावर्ती जिला बाड़मेर लॉकडाउन -02 तक सुरक्षित जिलों में सुमार था। यहां इक्का-दुक्का केस ही आए थे। इसके बाद लॉकडाउन-03 लगा तो आवगमन में छूट मिली। ऐसे में कोरोना ने दस्तक दे दी। बात यहीं तक रहती तो ठीक था, लेकिन जैसे ही अनलॉकडाउन की स्थिति आई, कोरोना ने शहर में मानों कहर ही बरपा दिया। स्थिति यह है कि शहर के राय कॉलोनी, महावीरनगर, शास्त्रीनगर, इन्द्रानगर, सरदारपुरा, शिवनगर, हमीरपुरा कई इलाकों में कोरोना पहुंच गया। ऐसे में सुरक्षित बाड़मेर पर चिंता के बादल मंडराने लग गए हैं। बावजूद इसके लोग कोरोना के कहर को नजरअंदाज कर अपनी मस्ती में जी रहे हैं।
सोशल डिस्टेंस ना मास्क की अनिवार्यता- शहर में अब सोशल डिस्टेंस का कहीं पर भी नजर नहीं आता। दुकानों से लेकर घर और गलियों में हर जगह सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ रही है। मुख्य बाजार में जहां अब गांवों से भी लोग पहुंच रहे हैं, वहां तो लोग एक-दूसरे सटे हुए खड़े रहते हैं।
अब हाथ मिलाने के साथ मिल रहे गले- कोरोना संक्रमण के दौरान लोग हाथ मिलाने से परहेज कर रहे थे। अब स्थिति बदल गई है, कोरोना दिनोंदिन बढऩे के बावजूद लोग एक-दूसरे न केवल हाथ मिला रहे है, गले मिलने से भी परहेज नहीं कर रहे।
अनुशासन टूटते ही आंकड़ा पहुंचा साठ के पार- गौरतलब है कि 22 मार्च के बाद जनता कफ्र्यू व लॉकडाउन लगा। जो करीब दो माह तक रहा। 22 मई तक लॉकडाउन में सख्ती रही तो कोरोना पर अंकुश था। मात्र 24 मरीज ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
अनलॉकडाउन की घोषणा पर लोगों ने सुरक्षा की ङ्क्षचता छोड़ी तो एक-सवा माह में ही बाड़मेर में साठ कोरोना पॉजिटिव मिल गए हैं। सोमवार सुबह तक बाड़मेर शहर में 79 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके थे।
Published on:
30 Jun 2020 08:23 am
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